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राजस्थान में भीषण सड़क हादसा, दो बच्चों सहित एक ही परिवार के 4 लोगों की दर्दनाक मौत

यह भीषण हादसा नदबई की जनूथर रोड पर हुआ। पुलिस ने बताया कि दहवा गांव का रहने वाला परिवार सरसों बीज और दिवाली की खरीदारी के लिए नदबई जा रहा था।

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Nadbai Road Accident
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हादसे के बाद जलती कार को बुझाती टीम। फोटो- पत्रिका

नदबई। उपखंड के जनूथर सड़क मार्ग पर शनिवार दोपहर को तेज रफ्तार थार गाड़ी ने बाइक को टक्कर मार दी। इसमें दंपती समेत दो बच्चों की मौत हो गई। हादसा इतना भीषण था कि टक्कर के बाद बाइक और गाड़ी दोनों में आग लग गई और गाड़ी पलटकर सड़क किनारे खेत में जा गिरी। हादसा नदबई थाना क्षेत्र के गांव लुहासा से आगे ईंट भट्टे के पास हुआ। बाइक और गाड़ी पूरी तरह जलकर राख हो गई।

हादसे की सूचना पर नदबई थाना प्रभारी बृजेंद्र सिंह मय जाब्ते के मौके पर पहुंचे और राहत-बचाव कार्य शुरू किया। इस दौरान सड़क पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई पुलिस ने समझाइश के बाद भीड़ को नियंत्रित कर जाम खुलवाया। जानकारी के अनुसार हादसे में मारे गए चारों लोग कुम्हेर थाना क्षेत्र के गांव दहवा निवासी थे। मृतकों में नटवर (35), उसकी पत्नी पूजा (30), डेढ़ वर्षीय पुत्र दीपू और तीन वर्षीय पुत्री परी शामिल है।

दोनों गाड़ियों में लगी आग

लोगों ने बताया कि बच्चे आतिशबाजी की जिद कर रहे थे। इसी कारण परिवार के चारों सदस्य बाइक पर सवार होकर पहले ससुराल नेवारा जा रहे थे, लेकिन गांव से महज 10 किलोमीटर दूर ही यह भयावह हादसा हो गया। ग्रामीणों के अनुसार टक्कर इतनी भीषण थी कि बाइक सवार परिवार को संभलने का मौका ही नहीं मिला। भिड़ंत के बाद गाड़ी और बाइक दोनों में आग लग गई। मौके पर पहुंची अग्निशमन टीम ने आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक बाइक सवार चारों की मौत हो चुकी थी। घटना की सूचना पर एसपी दिगन्त आनंद व जिला कलक्टर कमर चौधरी भी पहुंचे।

खेती पर निर्भर परिवार, घर में कोहराम

हादसे की खबर मिलते ही दहवा गांव में मातम छा गया। गांव में मृतक नटवर के घर पर कोहराम मच गया। बताया गया कि नटवर के परिवार में उसके पिता दिनेश जो खेती करते हैं और छोटा भाई संजय है। दिवाली से ठीक पहले हुए इस हादसे ने पूरे गांव की खुशियों को मातम में बदल दिया।

पिता ने मना किया था, लेकिन बच्चे नहीं माने

ग्रामीणों ने बताया कि नटवर का बेटा दीपू और बेटी परी बेहद चंचल थे और दिवाली पर पटाखे खरीदने की बात कर रहे थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। नटवर के पिता ने त्यौहार पर बाहर जाने को मना किया था, लेकिन बच्चे जिद कर रहे थे।

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