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अब वैर से विधायक के पुत्र की बिगड़ी तबीयत, 2 हार्ट अटैक के बाद भी कार चलाकर भरतपुर से पहुंचा जयपुर

Rajasthan : वैर से भाजपा विधायक और भरतपुर के पूर्व सांसद बहादुर सिंह कोली के पुत्र (42 वर्ष) को सीने में तेज दर्द हुआ। दो हार्ट अटैक के बाद भी कार चलाकर वह भरतपुर से जयपुर पहुंचा। डाक्टर चकित रह गए। जानें फिर क्या हुआ?

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Rajasthan Vaira MLA son Bahadur Singh Koli health deteriorates Bharatpur to Jaipur driving despite two heart attacks

वैर से भाजपा विधायक बहादुर सिंह कोली। फाइल फोटो पत्रिका

Rajasthan : युवाओं में बढ़ते हृदय रोग और इससे हो रहीं मौतों के बीच सोमवार को एक और चिंताजनक मामला सामने आया है। वैर से भाजपा विधायक और भरतपुर के पूर्व सांसद बहादुर सिंह कोली के पुत्र (42 वर्ष) को रविवार दोपहर सीने में तेज दर्द होने के बाद परिजनों ने स्थानीय चिकित्सक को दिखाया। चिकित्सक ने उन्हें बीपी की शिकायत बताकर सात दिन की दवा लिखकर घर भेज दिया।

धमनियों में Žब्लॉकेज मिला, एक स्टेंट डाला गया

इसके बाद रात 8 बजे और 1 बजे उन्हें फिर से सीने में तेज दर्द हुआ। हालत नहीं संभलने पर विधायक के पुत्र स्वयं चौपहिया वाहन लेकर जयपुर के लिए रवाना हो गए। करीब 200 किलोमीटर गाड़ी चलाकर वे मानसरोवर के निजी अस्पताल पहुंचे। जांच में उनके हृदय की हालत देख और स्वयं वाहन चलाकर आने का पता चलने पर चिकित्सक भी चकित रह गए। यहां जांच में उनके दो बार मेजर अटैक आने की पुष्टि हुई। एंजियोग्राफी जांच में उनकी धमनियों में Žब्लॉकेज पाए जाने के पर एक स्टेंट डाला गया।

चिकित्सक ने बताया, विधायक पुत्र की हालत गंभीर थी

चिकित्सक डॉ.जी.एल.शर्मा ने बताया कि विधायक के पुत्र जब आए थे तो उनकी हालत गंभीर थी अब स्थिर है। टोंक सवाई माधोपुर से कांग्रेस सांसद हरीश मीणा के पुत्र हनुमंत की पिछले दिनों मौत हो गई थी। सीने में दर्द की शिकायत के बाद वे जयपुर के निजी अस्पताल में भर्ती थे।

भरतपुर में सात दिन की गोली दी थी

रविवार दोपहर ही भरतपुर में डॉ€क्टर अशोक को दिखाया था। उन्होंने बीपी बताकर सात दिन की गोली दी थी। वे जितना समझते हैं, उतना उन्होंने इलाज कर दिया। सुबह बेटा खुद गाड़ी चलाकर जयपुर चला गया। डॉ€क्टरों ने बचा लिया। तीसरा अटैक आ जाता तो मुसीबत हो जाती।
बहादुर सिंह कोली, विधायक, वैर

पत्रिका अलर्ट

1- प्रारंभिक पहचान और समय रहते परामर्श बेहद जरूरी।
2- नियमित स्वास्थ्य जांच जैसे Žलड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, ईसीजी।
3- हृदय रोग के जोखिम वाले समूह धूम्रपान करने वाले, मधुमेही, मोटापे से प्रभावित को विशेष सतर्कता बरतनी होगी।
4- चिकित्सकों को भी युवा मरीजों की शिकायतों को गंभीरता से लेना चाहिए और सरल बीपी की लेबलिंग नहीं करनी चाहिए।
5- राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग को हृदय जागरूकता अभियानों को मजबूत करना चाहिए।