मासूम बच्चा। फोटो- पत्रिका
भरतपुर। इंसानियत को झकझोर देने वाली एक दर्दनाक घटना गुरुवार को भरतपुर मेडिकल कॉलेज के पीछे झीलरा गांव से सामने आई है। यहां झाड़ियों के बीच एक नवजात शिशु रोता हुआ मिला। उसके नन्हे शरीर को देखकर हर किसी की आंखें भर आईं। दो दिन पहले जन्मा मासूम झाड़ियों में तड़पता मिला, जिसके हाथ-पैर की उंगलियां और गुप्तांग को जानवरों ने नोंच लिया।
जानकारी के अनुसार झीलरा गांव से गुजर रहे भीम सिंह नामक व्यक्ति को झाड़ियों के बीच से हल्की सी रोने की आवाज सुनाई दी। पहले तो उन्हें लगा कि कोई बिल्ली या अन्य जानवर है, लेकिन जब आवाज लगातार आई तो वे झाड़ियों के पास गए। वहां जो दृश्य देखा, उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। यहां एक लहूलुहान नवजात बच्चा तड़प रहा था।
भीम सिंह ने बिना देर किए बच्चे को उठाया और सीधे सेवर थाने पहुंचे। पुलिस ने तुरंत एंबुलेंस बुलवाई और बच्चे को जनाना अस्पताल भेजा। अस्पताल के यूनिट हेड असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शेखर शर्मा ने बताया कि बच्चे की हालत फिलहाल नाजुक है। चिकित्सकों के अनुसार बच्चे का जन्म लगभग दो दिन पहले हुआ था। घटना की जानकारी मिलते ही बाल कल्याण समिति अध्यक्ष राजाराम भूतोली, सदस्य भूपेंद्र शर्मा, देवेंद्र, लोकेश और गीता शर्मा अस्पताल पहुंचे।
उन्होंने बच्चे के इलाज की जानकारी ली और शिशु गृह से टीम को भी सक्रिय किया। सेवर थाना प्रभारी सतीश चंद ने मौके पर पहुंचकर झाड़ियों का निरीक्षण किया और घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए। प्राथमिक जांच में संभावना जताई गई है कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने नवजात को जन्म के बाद वहां फेंक दिया। पुलिस अब आसपास के इलाकों और अस्पतालों में जन्म संबंधी रिकॉर्ड खंगाल रही है, ताकि बच्चे की मां या परिवार का सुराग मिल सके। चिकित्सकों के अनुसार बच्चे को गंभीर चोट आईं हैं। फिलहाल उसे गहन चिकित्सा इकाई में रखा गया है।
बच्चे को झाड़ियों में फेंकने वाले ने ऐसी अमानवीयता दिखाई, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया। मासूम के मुंह को कपड़े से बांध दिया था, ताकि रोने की आवाज नहीं आ सके। बच्चे के दाएं पैर से खून बहता हुआ मिला। चिकित्सकों के अनुसार बच्चे को देखकर लग रहा है कि किसी जानवर ने उस पर हमला किया है।
बच्चे के हाथ-पैर पर जानवर के काटने के निशान हैं। बच्चे के दाएं पैर से खून बह रहा है। बच्चे का एनआईसीयू वार्ड में उपचार किया जा रहा है। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले भीलवाड़ा में 15 दिन के नवजात शिशु के मुंह में पत्थर ठूंसकर, होठों को फेवीक्विक से चिपकाकर फेंक दिया गया था।
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बच्चे की हालत गंभीर है। उसकी ब्लीडिंग नहीं रुक रही है। हम लगातार कोशिश कर रहे हैं। बच्चे को सर्जन को भी दिखा लिया है। पांच-छह घंटे की मशक्कत के बाद भी ब्लड नहीं रुक सका है। बच्चा काफी हैल्दी है। भर्ती होते समय उसका वजन दो किलो चार सौ ग्राम था। यदि ब्लीडिंग नहीं रुकी तो बच्चे को रेफर किया जाएगा।
Updated on:
16 Oct 2025 09:48 pm
Published on:
16 Oct 2025 06:09 pm
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