दो गुटों की सीमा रेखा बनी विवाद का कारण (फोटो सोर्स : Social Media : Whatsapp )
Barabanki Police: थाना मसौली क्षेत्र के देव कलिया गांव में शनिवार सुबह एक पुराने जमीनी विवाद ने खूनी रूप ले लिया, जब कब्जेदारी को लेकर दो पक्षों में लाठी-डंडे चल गए। संघर्ष में दोनों पक्षों के पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना मिलते ही मसौली पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। वर्षों से विवादित पड़ी यह भूमि पहले भी कई बार झगड़े की वजह बन चुकी है, लेकिन इस बार यह विवाद हिंसा में तब्दील हो गया।
विवाद की जड़ - दो गाटों की सीमारेखा बनी विवाद का कारण
सूत्रों के मुताबिक मसौली थाना क्षेत्र के गांव देवकलिया में गाटा संख्या 602 (रकबा 9 एयर), जो कि राजस्व अभिलेखों में इदरीश पुत्र अमीरे के नाम दर्ज है, और उसके बगल की गाटा संख्या 600, जो रामकिरेश पुत्र रामसेवक के नाम है. दोनों के बीच भूमि की सीमा रेखा और कब्जेदारी को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। दोनों पक्ष कई बार आपस में भिड़ चुके हैं। थाने में भी कई बार दोनों के बीच समझौते और शिकायतें दर्ज हुईं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकला।
इदरीश ने इस विवाद को लेकर अदालत में वाद दाखिल किया था, जिस पर कोर्ट नंबर-13 ने स्थगन आदेश (Stay Order) जारी किया था। आदेश के अनुसार विवादित भूमि पर किसी भी प्रकार का निर्माण या कब्जा नहीं किया जाना था। हालांकि, स्थानीय सूत्रों के अनुसार, 8 अक्टूबर को रामकिरेश ने विवादित भूमि पर पुआल की खरही (खलिहान) लगा दी। इस पर इदरीश ने तत्काल थाना मसौली में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस की कार्रवाई न होने से दोनों पक्षों में तनाव बढ़ गया।
शनिवार की सुबह इदरीश भी उसी जमीन पर अपनी खरही लगाने लगे। इसी दौरान रामकिरेश, विकास, रामहेतु (पुत्रगण रामसेवक), अमर यादव (पुत्र संतराम), रमई (पुत्र अरविंद), राकेश और रामकिशुन वहां पहुंच गए। दोनों पक्षों के बीच गाली-गलौज और कहासुनी के बाद मामला बिगड़ गया। देखते ही देखते दोनों तरफ से लाठी-डंडे और रॉडें चलने लगीं। ग्रामीणों के अनुसार, करीब 15 मिनट तक दोनों पक्षों के बीच जबरदस्त संघर्ष हुआ, जिसमें कई लोग घायल हो गए।
मारपीट में मो. सलीम और मो. सिद्दीकी (पुत्रगण मैकू) सहित इदरीश पक्ष के कई लोग घायल हुए, वहीं दूसरे पक्ष से रामकिरेश और रामहेतु (पुत्रगण रामसेवक) को गंभीर चोटें आईं। बताया गया कि सभी के सिर और शरीर पर गहरी चोटें हैं। इस झगड़े में एक निर्दोष व्यक्ति एमन शिबली भी घायल हो गया, जो उस समय अपने बच्चों को स्कूल छोड़कर घर लौट रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शिबली को भी विकास और रामहेतु ने लाठी से पीटकर घायल कर दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही थाना मसौली पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को किसी तरह शांत कराया। सभी घायलों को सीएचसी बड़ागांव भेजा गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने चार घायलों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल बाराबंकी रेफर कर दिया। सीएचसी बड़ागांव के प्रभारी चिकित्साधिकारी ने बताया कि चारों की स्थिति गंभीर है, उनके सिर पर गहरी चोटें हैं और दो की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
पुलिस ने दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर विवादित भूमि पर अस्थायी कब्जा कर लिया है ताकि स्थिति और न बिगड़े। थाना प्रभारी मसौली ने बताया कि दोनों पक्षों का पुराना जमीनी विवाद है। मारपीट में पांच लोग घायल हुए हैं, जिनमें चार को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने मौके से लाठी-डंडे और पुआल की खरही के अवशेष भी कब्जे में लिए हैं। गांव में तनाव को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
घटना के बाद से गांव में तनाव और सन्नाटा छा गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस यदि समय रहते कार्रवाई करती, तो यह हिंसक टकराव टल सकता था। पुलिस अधिकारियों ने गांव में चौकीदार और बीट सिपाहियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। वरिष्ठ अधिकारी भी घटनास्थल का निरीक्षण कर चुके हैं।
गांव के कुछ ग्रामीणों का कहना है कि यह विवाद पिछले तीन साल से चल रहा है, लेकिन राजस्व विभाग और पुलिस की उदासीनता के कारण मामला सुलझ नहीं सका। एक ग्रामीण ने बताया कि हमने कई बार दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की, लेकिन कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं था। अगर पुलिस ने शिकायत के समय कार्रवाई की होती तो आज खून-खराबा नहीं होता।
पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ धारा 147 (दंगा), 148 (हथियार सहित दंगा), 323 (मारपीट), 504 (गाली-गलौज), 506 (धमकी) और 336 (जान जोखिम में डालना) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही, भूमि विवाद से जुड़े राजस्व अभिलेख और न्यायालय के स्थगन आदेश की प्रतियां मांगी गई हैं ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किस पक्ष ने आदेश का उल्लंघन किया।
उपजिलाधिकारी (एसडीएम) रामनगर ने बताया कि भूमि विवाद वाले क्षेत्र में अस्थायी पुलिस पिकेट बनाई गई है और दोनों पक्षों को चेतावनी दी गई है कि यदि दोबारा हिंसा हुई तो गिरफ्तारी के साथ राजस्व अभिलेख रद्द करने की कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि जमीन विवाद को लेकर कोर्ट के आदेश का उल्लंघन गंभीर अपराध है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
12 Oct 2025 01:02 am
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