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रुपयों के बोझ तले टूटी ज़िंदगी: Barabanki के कपड़ा व्यापारी नीरज जैन ने खुद को मारी गोली, कारोबार जगत में मातम

Barabanki News: बाराबंकी में रविवार रात उस समय सनसनी फैल गई जब शहर के प्रसिद्ध कपड़ा व्यापारी नीरज जैन ने घर में खुद को गोली मार ली। बताया जा रहा है कि वे रुपये के लेन-देन में चल रहे विवाद और मानसिक तनाव से परेशान थे। उनकी आत्महत्या ने पूरे व्यापारिक समुदाय को झकझोर दिया है।

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बाराबंकी में सनसनी: व्यापारी ने गोली मारकर दी जान (फोटो सोर्स : Ritesh Singh)

बाराबंकी में सनसनी: व्यापारी ने गोली मारकर दी जान (फोटो सोर्स : Ritesh Singh)

Barabanki Shock:  जिले के व्यस्त बाजार और प्रसिद्ध साड़ी व्यवसाय से जुड़े एक प्रतिष्ठित व्यापारी ने रविवार की रात आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि व्यापारी नीरज जैन, जो शहर के चर्चित कल्पना साड़ी सेंटर के संचालक थे, ने अपने घर पर तमंचे से गोली मारकर जीवन समाप्त कर लिया। घटना से बाराबंकी का कारोबारी जगत सदमे में है। रविवार देर रात करीब 11 बजे यह घटना सामने आई, जब नीरज जैन (50 वर्ष) ने अपने ही घर में खुद को गोली मार ली। गोली की आवाज सुनते ही घर में चीख-पुकार मच गई। परिजन दौड़े तो देखा कि नीरज खून से लथपथ पड़े थे। उन्हें तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

कौन थे नीरज जैन

नीरज जैन बाराबंकी के पुराने और प्रतिष्ठित कपड़ा व्यापारियों में गिने जाते थे। उनका परिवार सरावगी मोहल्ला का मूल निवासी है, लेकिन बीते कुछ वर्षों से वह लक्ष्मण पुरी कॉलोनी में अपने परिवार के साथ रह रहे थे। उनका “कल्पना साड़ी सेंटर” शहर के मुख्य बाजार में स्थित था, जो पिछले दो दशकों से ग्राहकों के बीच एक भरोसेमंद नाम बन चुका था। व्यापारिक जगत में नीरज अपनी ईमानदारी और सादगी के लिए जाने जाते थे।

रुपये के लेन-देन में उलझे थे विवाद

पुलिस सूत्रों के अनुसार शुरुआती जांच में सामने आया है कि नीरज जैन का कई लोगों से आर्थिक विवाद चल रहा था। बताया जा रहा है कि व्यापार में नुकसान और रुपये की वसूली को लेकर वह पिछले कुछ महीनों से मानसिक रूप से परेशान थे। कुछ परिचितों का कहना है कि उन पर बकाया रकम चुकाने का दबाव था और कुछ लोग उनसे लगातार पैसों की मांग कर रहे थे।

इसी तनाव के चलते उन्होंने रविवार रात आत्मघाती कदम उठा लिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, तीन पन्नों का एक सुसाइड नोट मिलने की बात कही जा रही है, जिसमें कुछ नाम और आर्थिक दबाव से जुड़ी बातें लिखी होने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, पुलिस ने अभी सुसाइड नोट मिलने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

घटना के बाद शहर में शोक और सन्नाटा

सोमवार सुबह जब यह खबर फैली तो सारा बाजार और सर्राफा समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई। कल्पना साड़ी सेंटर बंद कर दिया गया। व्यापारी संगठनों ने इस घटना को “व्यवसायिक तनाव और आर्थिक दबाव की दुखद परिणति” बताया। बाराबंकी व्यापार मंडल के अध्यक्ष ने कहा कि नीरज जैन ईमानदार और मिलनसार व्यापारी थे। उनकी मौत पूरे व्यापार जगत के लिए एक बड़ा झटका है। अगर समाज और प्रशासन ने समय रहते सहायता की होती, तो शायद आज ये नौबत ना आती।”

पुलिस की कार्रवाई और जांच

मामले की जानकारी मिलते ही एसपी बाराबंकी दिनेश सिंह के निर्देश पर कोतवाली नगर पुलिस मौके पर पहुंची। थाना प्रभारी ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से तमंचा, एक खाली खोखा और कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं। पुलिस का कहना है कि जिन लोगों से मृतक का लेन-देन था, उनसे पूछताछ की जाएगी। प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का प्रतीत होता है, लेकिन हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं। अगर किसी ने आर्थिक दबाव या मानसिक उत्पीड़न किया है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।” - थाना प्रभारी

परिजनों में मातम, समाज में सवाल

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी और बच्चे इस घटना से गहरे सदमे में हैं। घर के बाहर लोगों की भीड़ लगी रही। पड़ोसी बताते हैं कि नीरज पिछले कुछ दिनों से बहुत चिंतित रहते थे और अक्सर अकेले बैठे रहते थे। परिवार ने कई बार उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वे भीतर से टूट चुके थे।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि बाराबंकी में कई व्यापारी इन दिनों बढ़ते बाजार के दबाव, टैक्स वसूली और आर्थिक लेन-देन की जटिलताओं के कारण मानसिक तनाव झेल रहे हैं। नीरज जैन का मामला उस प्रणाली पर भी सवाल उठाता है, जहां व्यापारियों को अक्सर अकेले संघर्ष करना पड़ता है।

मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत

विशेषज्ञों का कहना है कि आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं है। मानसिक तनाव या आर्थिक दबाव के समय परिवार, मित्रों और समाज को व्यक्ति के साथ खड़ा होना चाहिए। डॉ. मनीषा श्रीवास्तव (मनोवैज्ञानिक) कहती हैं कि  व्यापारिक नुकसान और सामाजिक दबाव से व्यक्ति धीरे-धीरे अवसाद में चला जाता है। ऐसे समय में उसे खुलकर अपनी बातें कहने का अवसर मिलना चाहिए। समाज को यह समझना होगा कि मानसिक स्वास्थ्य भी शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही जरूरी है।

प्रशासन और समाज के लिए चेतावनी

यह घटना सिर्फ एक व्यापारी की नहीं, बल्कि एक समाज की त्रासदी है, जो आर्थिक और मानसिक दबाव के बीच जी रहा है। आवश्यक है कि प्रशासन व्यापारियों की सुरक्षा, वित्तीय पारदर्शिता और ऋण वसूली के मानकों पर ध्यान दे। साथ ही व्यापारिक संगठनों को अपने सदस्यों के लिए काउंसलिंग और सहयोग तंत्र तैयार करना चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी व्यापारी इस तरह के कदम उठाने को मजबूर न हो।