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रिश्वत मामले में तीन सरकारी चिकित्सक निलंबित

चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. शरण प्रकाश पाटिल के कार्यालय से जारी एक बयान के अनुसार तीनों चिकित्सकों ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की निरीक्षण टीम के सदस्य के रूप में कार्य करते हुए एक चिकित्सा संस्थान के लिए अनुकूल निरीक्षण रिपोर्ट जारी करने के लिए कथित तौर पर रिश्वत ली थी।

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प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो - पत्रिका

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने तीन सरकारी चिकित्सकों को निलंबित किया है। विभाग के प्रधान सचिव मोहम्मद मोहसिन ने निलंबन का आदेश जारी किया।

निलंबित किए गए चिकित्सकों में अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, बेेंगलूरु के एनाटॉमी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. चैत्रा एम.एस.; मण्ड्या इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के ऑर्थोपेडिक्स विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. मंजप्पा सी.एन. और बीदर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अशोक शेल्के शामिल हैं।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. शरण प्रकाश पाटिल के कार्यालय से जारी एक बयान के अनुसार तीनों चिकित्सकों ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की निरीक्षण टीम के सदस्य के रूप में कार्य करते हुए एक चिकित्सा संस्थान के लिए अनुकूल निरीक्षण रिपोर्ट जारी करने के लिए कथित तौर पर रिश्वत ली थी।

सीबीआइ ने जांच के बाद रिश्वत मामले में पहले ही एक प्राथमिकी दर्ज कर ली है। निष्कर्षों के आधार पर, विभाग ने सेवा नियम के अनुसार तीनों चिकित्सकों को निलंबित कर दिया।