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बाघ के हमले में घायल किसान ने खो दी आंखों की रोशनी, मुख्यमंत्री ने किया दौरा

मुख्यमंत्री ने वन विभाग को न केवल अस्पताल का पूरा खर्च वहन करने, बल्कि किसान को मुआवजा देने का भी निर्देश दिया।

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एच.डी. कोटे में गुरुवार को तलाशी अभियान के दौरान बाघ के हमले Tiger Attack में घायल हुए एक किसान ने अपनी दृष्टि हमेशा के लिए खो दी है। बाघ ने उसके चेहरे के एक हिस्से को नोच डाला था। घायल किसान एक निजी अस्पताल में उपचाराधीन है।

चिकित्सकों के अनुसार तंत्रिकाओं को भी काफी नुकसान पहुंचा है। किसान की आंखों की रोशनी वापस आने की कोई संभावना नहीं है।

मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या शुक्रवार को अपने मैसूरु दौरे के दौरान अस्पताल पहुंचे और घायल किसान से मुलाकात की। उन्होंने वन विभाग, अस्पताल अधिकारियों और पीड़ित के परिवार के सदस्यों से बातचीत की।

मुख्यमंत्री ने वन विभाग को न केवल अस्पताल का पूरा खर्च वहन करने, बल्कि किसान को मुआवजा देने का भी निर्देश दिया। यह घटना जंगल से सटे बदगनपुर गांव में हुई। किसान अपने खेत में था जब बाघ ने उस पर हमला किया और उसे घायल कर दिया।बाघ को घेरने के लिए हाथी भीम और अन्य जानवरों को तैनात किए जाने के दौरान तलाशी अभियान देखने के लिए भारी भीड़ जमा हो गई थी।

इस हंगामे के दौरान, बाघ खड़ी फसलों से निकलकर भीड़ की ओर दौड़ा। कुछ लोग पास के एक पेड़ पर चढ़ गए ताकि बाघ से बच सकें, लेकिन बाघ किसान पर झपटा और उसके चेहरे पर वार कर दिया। पिछले कुछ दिनों से मवेशियों के मारे जाने की स्थानीय ग्रामीणों की शिकायतों के बाद यह तलाशी अभियान चलाया गया।मैसूरु जिले के प्रभारी मंत्री एच.सी. महादेवप्पा और अन्य लोग अस्पताल में मौजूद थे।