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बालाघाट-सिवनी के घने जंगलों के बीच विद्मान है मॉ अंबा माईं

भक्तों में मानता, मां के दरबार से कोई नहीं जाता खाली

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विभिन्न मनोकामनाएं लेकर पहुंच रहे श्रद्धालु

विभिन्न मनोकामनाएं लेकर पहुंच रहे श्रद्धालु

जिले के कटंगी मुख्यालय से 9 किमी दूर बालाघाट- सिवनी से लगे जंगल के बीच सिद्ध पीठ मां अंबा माईं का मंदिर विद्मान है। यहां मां अंबे की आराधना करने देश के अलग-अलग हिस्सों से श्रद्धालु पहुंचा करते हैं। नवरात्र में यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है। भक्तों में मानता है कि मां के दरबार में सच्चे मन से पहुंचाने वाले कभी खाली नहीं लौटते हैं। उनकी मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती है। क्वार और चैत्र नवरात्रि पर मंदिर में विविध आयोजन किए जाते हैं। इन विशेष 9 दिनों में दूर-दूर से पहुंचे श्रद्धालु मंदिर में पूजन पाठ कर दर्शन प्राप्त करते हंै।
इस बार भी शारदेय नवरात्रि पर मां अंबे के दरबार में श्रद्धालुओं ने तेल और घी के मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किए हैं। मंदिर में ज्वारे बोए गए हैं। नवमीं के दिन इन ज्योति कलशो और ज्वारों का चंदन नदी विसर्जन किया जाएगा।

12 माह निकलती है जल धारा

मां अंबामाई संस्थान के पदाधिकारियों ने बताया लगभग 4 पीढिय़ों से मां अंबा माईं इस स्थान पर मौजूद है। इसी स्थान पर गौ मुख भी मौजूद है, जहां से जल की धारा निरंतर बहती है। उन्होंने बताया भीषण गर्मी के दिनों में जल का प्रवाह निरंतर बहता है। चाहे कितनी भी गर्मी क्यू ना पड़े आज तक इसका स्त्रोत का पता नहीं चल पाया है। श्रद्धालु पहले यहीं पूजन कर अपनी मनोकामना मां से करते है। माना जाता है यह स्थल ही चंदन नदी का उद्गम स्थल है। पिछले दिनों प्रशासन ने भी अंबा माई में जल गंगा संवर्धन अभियान कार्यक्रम आयोजित किया था। जिसमें मप्र के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल भी उपस्थित थे।

अंबा माईं संस्थान कर रही संचालन

मां अंबा माईं मंदिर के संचालन के लिए अंबा माई संस्थान मंदिर परिसर क्षेत्र में विविध निर्माण कार्य कर श्रद्धालुओं को सुविधाएं प्रदान कर रहा है। सभी सदस्य रात दिन मंदिर परिसर में अपनी सेवाए दे रहे हैं। शारदीय नवरात्रा में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।