चूना छोड़ अब डिस्टेंपर और बिरला व्हाइट पुतवा रहे लोग
दीपावली के पहले रंग रोंगन का काम जोरों पर है। कारोबारियों का कहना है कि इस बार डिस्टेंपर और इनेमल पेंट की मांग बढ़ी है। चूना और अन्य सामग्री की कीमतों में 20-25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। महंगाई के बावजूद दीपावली से पहले लोग घरों और प्रतिष्ठानों में रंग रोंगन का काम करवा रहे हैं। इस कारण सुस्त पड़े पेंट बाजार में रौनक छा गई है।
कारोबारियों का कहना है कि अब लोग चूना की जगह डिस्टेंपर और इनेमल पेंट लगवा रहे हैं। ऐसे में पेंट कारोबार को फायदा हो रहा है। गत वर्ष की तुलना में रंगों के दामों में अलग-अलग ब्रांड के हिसाब से लगभग 20 से 25 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है। जबकि कारीगरों की मजदूरी भी बढ़ गई है। जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण स्तर पर करीब 100 से अधिक दुकानें पेंट की हैं। यहां लोग खूब खरीदारी कर रहे हैं।
व्यवसायियों का कहना है कि साल भर कम बिक्री होती है। लेकिन त्योहार पर रंगों की डिमांड काफी बढ़ जाती है। ऐसे में उम्मीद है कि दीवाली के बाद ग्यारस तक पेंट का बाजार 50-60 लाख का रह सकता है। त्योहार पर कमजोर वर्ग के लोग चूना से पुताई कराकर काम चला लेते थे, लेकिन अब चूना के दाम में भी एक साल के अंदर 50 फीसदी बढ़ोतरी हो गई है। कारोबारियों के अनुसार गत वर्ष 10 रुपए किलो बिकने वाला चूना अब 15 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। अन्य पेंट और डिस्टेम्पर आदि के दाम भी बढ़ जाने से जेबें अधिक ढीली करने की नौबत आ गई है। ऐसी स्थिति के बाद भी अपने घरों की दीवारों को चमकाने में लोग जुटे हैं। मजदूरी के अलावा पेंट, ब्रश, चूना, डिस्टेंपर, तारपीन तेल, प्राइमर आदि सामान के दामों में भी खासी बढ़ोतरी हुई है।
भटेरा चौकी के हार्डवेयर दुकान संचालक ओमप्रकाश भोयर ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल रंगाई, पुताई के सामान के दामों में 20 से 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। तमाम ब्रांडेड कंपनियों की सामग्री और भी महंगें दर पर उपलब्ध हैं। लेकिन ऊंची पसंद वाले लोग इसे ही पसंद कर रहे हैं। इस कारण दुकानदार भी खुश हैं। महंगाई के बावजूद लोग अपने घरों की रौनक बढ़ा कर माता लक्ष्मी का स्वागत करने की तैयारी में रंग-पुताई का कार्य करा रहे हैं।
Published on:
17 Oct 2025 04:42 pm
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