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आठवीं पास महिला कैसे बनी कानूनगो, पढ़ें यह खबर

गुड्डो देवी पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता फिर कानूनगो बनी अलवर. कहा जाता है कि सोने को जितना आग में तपाओ, वह उतना निखरता है। शहर के ट्रांसपोर्ट नगर में रहने वाली गुड्डो देवी शर्मा की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। करीब 15 वर्ष पूर्व गुड्डो देवी के पति की किडनी खराब हो गई। कुछ ही दिनों […]

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अलवर

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Jyoti Sharma

Sep 25, 2025

गुड्डो देवीपहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता फिर कानूनगो बनी

अलवर. कहा जाता है कि सोने को जितना आग में तपाओ, वह उतना निखरता है। शहर के ट्रांसपोर्ट नगर में रहने वाली गुड्डो देवी शर्मा की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। करीब 15 वर्ष पूर्व गुड्डो देवी के पति की किडनी खराब हो गई। कुछ ही दिनों में पति की मृत्यु हो गई। गुड्डो देवी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वह पूरी तरह से टूट गई। चार बच्चों के साथ उसे गांव छोडना पड़ा। जीने की उम्मीद खत्म हो गई थी, लेकिन अपने छोटे-छोटे बच्चों को देख गुड्डो देवी ने हिम्मत जुटाकर जीवन में आगे बढ़ने की ठानी। गुड्डो देवी आठवीं पास थी। पति के निधन के बाद उसने फिर से पढ़ाई शुरू की। ओपन से दसवीं की और फिर बारहवीं। इसके बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बन गई। इसके बाद भी गुड्डो देवी ने पढ़ाई नहीं छोड़ी। पहले बीएसटीसी की। इसके बाद पटवारी भर्ती परीक्षा देकर पटवारी बन गई। प्रमोशन के बाद वर्तमान में गुड्डो देवी रामगढ़ तहसील में कानूनगो के पद पर कार्यरत है।

अपनी जैसी हजारों महिलाओं के लिए मिसाल: गुड्डो देवी की यह कहानी उन तमाम महिलाओं के लिए मिसाल है, जो दु:खों का सामना करने से कतराती हैं और पूरी तरह से टूट जाती हैं। दूसरों पर आश्रित हो जाती हैं। गुड्डो देवी ने ऐसा नहीं किया। उसने संघर्ष किया और हार नहीं मानी। गुड्डो देवी का कहना है कि अच्छे दिन हो या बुरे, जीवन सभी को जीना पड़ता है। कुछ परेशानियों के बाद अच्छे दिन भी जरूरत आते हैं।

चारों बच्चों को पढ़ा-लिखाकर काबिल बनाया

गुड्डो देवी के चार बच्चे हैं। बड़ी बेटी एमए-बीएड कर चुकी है। उसकी शादी हो चुकी है। चेतन शर्मा बीटेक, एमटेक व गेट पास है और एक बड़ी विमान कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत है। दूसरा बेटा मनीष शर्मा आरटेट, सीटेट, एलएलबी करने के बाद दौसा में सरकारी शिक्षक के पद पर है। तीसरा बेटा दीपक आर्मी में श्रीनगर में तैनात है।

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