सकट. दीपोत्सव का त्योहार नजदीक आने से कच्चे व पक्के मकानों को सजाने का कार्य अंतिम दौर में है। सभी अपने घर-आंगन को सजावट, रंगाई, पुताई, पेंटिंग व मांडणों से आकर्षक बनाया जा रहा है।
ग्रामीण अंचल में कच्चे घरों को गोबर व मिट्टी से लिपाई कर महिलाएं मांडणे की संस्कृति को जीवित रखे हुए हैं। दीपावली आते ही रंगाई, पुताई के बाद आंगन व दीवारों पर मांडणे बनाने का कार्य शुरू हो जाता है। रंग-बिरंगे मांडणे के स्टीकर लोग पसंद कर रहे हैं। बुजुर्ग महिलाएं भी इस काम में हाथ बंटा रही है। इस परंपरा को ग्रामीण अंचल में जीवंत रखा हुआ है। राजस्थानी संस्कृति की झलक कच्चे मकानों पर बनी चित्रकारी व मांडणे में देखी जा सकती है।
Published on:
17 Oct 2025 12:24 am
बड़ी खबरें
View Allअलवर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग