Mundeshwari devi temple (फोटो सोर्स: tourism.bihar)
Mundeshwari Mata Temple : शारदीय नवरात्र की शुरुआत सोमवार से हो चुकी है। माता रानी के भक्तों के लिए ये 9 दिन बहुत खास होते हैं। कई श्रद्धालु इन दिनों में माता के मंदिर घूमने का प्लान भी बनाते हैं। ऐसा ही एक मंदिर है मुंडेश्वरी माता (Mundeshwari Mata Temple) मंदिर। सालभर यहां हजारों भक्त मां का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। खास बात ये है कि यह भारत का सबसे पुराना मंदिर है। इस बात की पुष्टि पुरातत्व विभाग भी करता है। ऐसे में नवरात्रि में दर्शन के लिए भी यह बेहतर विकल्प है, जहां मां का हर भक्त जाना चाहेगा।
बिहार टूरिज्म की वेबसाइट के अनुसार, मां मुंडेश्वरी मंदिर बिहार के कैमूर जिले के पवरा पहाड़ी पर 600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह माता सति का एक अद्भुत शक्ति पीठ है, जिसे भारत का सबसे प्राचीन जीवित मंदिर माना जाता है। यहां 1900 वर्षों से लगातार नियमित मां की पूजा-अर्चना हो रही है। भारतीय पुरातत्व विभाग के सर्वे के अनुसार मंदिर 108 ईस्वी में बनाया गया था। यह 1915 से एक संरक्षित स्मारक के रुप में सुरक्षित है। पुरातत्व विभाग ने 1968 में मंदिर की 97 दुर्लभ मूर्तियों को सुरक्षा के लिहाज से पटना संग्रहालय में रखवा दिया। तीन मूर्तियां कोलकाता संग्रहालय में सुरक्षित हैं।
मंदिर में देवी मुंडेश्वरी (Mundeshwari Mata Temple) की आठभुजी प्रतिमा वाराही रूप में विराजित है, जिनका वाहन भैंसा है। साथ ही मंदिर में पंचमुखी शिवलिंग भी स्थापित है, जिसका रंग सूर्य की स्थिति के साथ बदलता रहता है। इस प्रकार यह मंदिर शैव और शक्त दोनों संप्रदायों का संगम बन जाता है। विशेषता यह है कि मंदिर अष्टकोणीय होने के साथ ही अद्भुत नागर शैली वास्तुकला और शिल्पकला से भरपूर है। पवरा पहाड़ी का नजारा इसे अत्यंत आकर्षक और दर्शनीय बना देता है। नवरात्र, वसंत पंचमी, रामनवमी और महाशिवरात्रि पर यहां हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। यहां शक्ति, सुरक्षा और सिद्धि के लिए विशेष पूजा की जाती है।
मुंडेश्वरी माता मंदिर (Mundeshwari Mata Temple) में बिना व्यवधान (रुकावट) के सारे अनुष्ठान पूरे होते हैं। शारदीय व वासंतिक नवरात्र में मां मुंडेश्वरी की विशेष पूजा विधिवत रुप से की जाती है। नौ दिन कलश स्थापना करने के बाद अनुष्ठान के साथ पूजा-अर्चना होती है। अष्टमी की रात में निशा पूजा होती है। मंदिर में शारदीय और चैत्र माह नवरात्रि में मां के भक्त दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं। साल में दो बार माघ और चैत्र में यज्ञ होता है।
मुंडेश्वरी माता मंदिर(Mundeshwari Mata Temple) के सबसे पास मोहनियां (भभुआ रोड) रेलवे स्टेशन पड़ता है। वहां से मंदिर तक आप सड़क मार्ग से जा सकते हैं। मंदिर के भीतर जाने के लिए पहाड़ काटकर सीढियां और रेलिंग युक्त सड़क का निर्माण किया गया है। सीढियों से जाने में असुविधा होने पर सड़क के रास्ते वाहन से भी जाया जा सकता है।
Published on:
29 Sept 2025 05:55 pm
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