अमेरिकी प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन। (फोटो: वाशिंगटन पोस्ट.)
Trump-Putin Phone Call: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर बातचीत हुई। यह बातचीत करीब दो घंटे तक चली। ट्रंप ने इस बातचीत को लेकर ट्रूथ सोशल पर पोस्ट किया। ट्रंप ने कहा कि पुतिन के साथ बातचीत बहुत बढ़िया थी। उन्होंने मुझे और अमेरिका को मिडिल ईस्ट में शांति लाने की बधाई दी। ट्रंप ने आगे कहा कि यह बहुत पुराना सपना था। मिडिल ईस्ट की कामयाबी रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने में मदद करेगी।
राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच अगली मीटिंग हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हो सकती है। वहीं, दोनों राष्टाध्यक्षों के बीच बातचीत के बाद दोनों देशों के अधिकारियों ने बातचीत की। वहीं, आधिकारियों के बीच होने वाली बैठक में अमेरिका की ओर से विदेश मंत्री मार्को रुबियो और कुछ लोग शामिल होंगे। बैठक की जगह अभी तय नहीं है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की आज अमेरिका पहुंच सकते हैं। वह अमेरिकी प्रेसिडेंट से एडवांस हथियार मांगने वाले हैं। इसमें टॉमहॉक मिसाइलें शामिल हैं। ये मिसाइलें मॉस्को और अन्य बड़े रूसी शहरों को अपनी जद में लाने में सक्षम हैं। ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि अगर पुतिन बातचीत की मेज पर नहीं आते, तो वे ये हथियार देने की इजाजत दे सकते हैं।
टॉमहॉक मिसाइलें यूक्रेन को रूस के अंदरूनी इलाकों में सैन्य ठिकानों, एयर डिफेंस सिस्टम और लॉजिस्टिक हब को निशाना बना सकती हैं। मिसाइल की रेंज 2500 किलोमीटर तक है। यह कई तरह की अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है।
जानकारी के मुताबिक ट्रम्प पहले यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल देने के खिलाफ थे, लेकिन रूसी राष्ट्रपति पुतिन के शांति वार्ता से ठोस नतीजे नहीं आने के कारण वह यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइलें दे सकते हैं। अमेरिका पहले इन मिसाइलों को यूरोप को बेचेगा। जो फिर इन्हें यूक्रेन को दे सकते हैं।
रूस इसे लेकर विरोध दर्ज करा चुका है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कुछ समय पहले कहा था कि ये मिसाइलें युद्ध के मैदान में कोई बड़ा बदलाव नहीं लाएंगी।
रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं। रूस यूक्रेन के एनर्जी ठिकानों पर हमले कर रहा है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बताया कि गुरुवार रात को ही रूस ने 300 से ज्यादा ड्रोन और 37 मिसाइलें दागीं। इस सर्दी में रूस गैस इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा निशाना साध रहा है। युद्ध का चौथा साल शुरू होने के साथ ही ऊर्जा सिस्टम पर हमले बढ़ गए हैं।
Published on:
17 Oct 2025 07:57 am
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