अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। (Photo - ANI)
भारत अब रूसी तेल नहीं खरीदेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर यह बात दोहराई है। शुक्रवार को व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान ट्रंप ने भारत और रूस को लेकर ताजा बयान जारी किया।
मीडिया से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा कि भारत अब रूसी तेल नहीं खरीदेगा। और उन्होंने ऐसा करके पहले ही हमसे तनाव को कम कर लिया है। ट्रंप ने आगे कहा कि भारत ने रूस से तेल खरीदना बहुत कम कर दिया है; वे अब पीछे हट रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने रूस से पिछले कुछ दिनों में लगभग 38 प्रतिशत तेल खरीदे हैं। धीरे-धीरे वे इसे पूरी तरह से खत्म कर देंगे। वहीं, ट्रंप ने बुधवार को भी यह दावा किया था।
ट्रंप ने कहा था कि उन्हें आश्वासन दिया गया है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह समझते हैं कि ऐसा तुरंत नहीं किया जा सकता।
ट्रंप ने बुधवार को कहा कि भारत ने आज मुझे आश्वासन दिया कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे। हालांकि, इसे तुरंत नहीं कर सकते।
यह एक छोटी सी प्रक्रिया है, लेकिन यह प्रक्रिया जल्द ही पूरी हो जाएगी। हम राष्ट्रपति पुतिन से बस यही चाहते हैं वह यूक्रेन के साथ युद्ध को रोक दें।
ट्रंप ने आगे कहा कि अगर भारत रूसी तेल नहीं खरीदता है, तो संघर्ष को समाप्त करना बहुत आसान हो जाएगा। वहीं, ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक महान व्यक्ति और भारत को एक अविश्वसनीय देश भी बताया।
वहीं, गुरुवार को, भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ टेलीफोन पर बातचीत करने के दावों को खारिज कर दिया।
ट्रंप ने बुधवार को दावा किया था कि टेलीफोन पर बातचीत के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से जब साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच कोई बातचीत हुई है, तो उन्होंने कहा कि ऊर्जा के मुद्दे पर अमेरिका की टिप्पणी के संबंध में, हमने पहले ही एक बयान जारी कर दिया है, जिसका आप संदर्भ ले सकते हैं। जहां तक टेलीफोन पर हुई बातचीत का सवाल है, मैं कह सकता हूं कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच कोई चर्चा नहीं हुई है।
हालांकि, भारत ने पिछले कुछ वर्षों में रूसी तेल खरीदना शुरू कर दिया है, लेकिन चीन मॉस्को का सबसे बड़ा ऊर्जा खरीदार है।
ट्रंप प्रशासन ने अगस्त में रूसी तेल खरीदने के लिए भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया, जबकि चीन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत का व्यापार वार्ता दल अमेरिकी अधिकारियों के साथ अगले दौर की वार्ता के लिए वाशिंगटन में है।
बुधवार को, वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि भारत रिफाइनरियों के विन्यास में बदलाव किए बिना अमेरिका से 12-13 अरब डॉलर मूल्य का और कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस आयात कर सकता है।
Published on:
18 Oct 2025 09:08 am
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