अमेरिका में नो किंग्स प्रोटेस्ट (फोटो-IANS)
अमेरिका (America) में प्रशांत महासागर के तट से लेकर अटलांटिक महासागर के तट तक लाखों लोगों ने 'नो किंग्स' के बैनर तले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। लोगों ने उन पर देश को सत्तावादी रास्ते पर ले जाने का आरोप लगाया। डेमोक्रेट्स पार्टी द्वारा आयोजित यह दूसरी नो किग्स प्रोटेस्ट थी, इससे पहले जून महीने में विरोध प्रदर्शन हुआ था।
ट्रंप के हाथों चुनाव हारने वाली डेमोक्रेट्स पार्टी की नेता कमला हैरिस ने एक्स पर पोस्ट किया, "मैं आपको अपने पड़ोसियों के साथ नो किंग्स कार्यक्रम में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में शामिल होने और अपनी आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित करती हूं। हमारे देश में सत्ता जनता के पास है।
उन्होंने आगे कहा कि "नो किंग्स" थीम का उद्देश्य उन ब्रिटिश-विरोधी विरोध प्रदर्शनों को याद दिलाना है, जिनके कारण अमेरिका आजाद हुआ। साथ ही, देश ने एक गणतांत्रिक शासन प्रणाली को अपनाया गया।
विपक्षी दलों के विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उनकी कोई शाही महत्वाकांक्षा नहीं है और न ही वे किसी राजा की तरह व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने फॉक्स बिजनेस टीवी के एक इंटरव्यू लेने वाले से कहा, "वे मुझे राजा कह रहे हैं। मैं राजा नहीं हूं।"
इन विरोध प्रदर्शनों के प्रायोजकों में अमेरिकन सिविल लिबर्टीज़ यूनियन, मानवाधिकार अभियान और शिक्षकों जैसे कुछ ट्रेड यूनियन शामिल हैं। ये विरोध प्रदर्शन ऐसे समय में हुए जब सीनेट में डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स के बीच गतिरोध के कारण सरकार का अधिकांश हिस्सा बंद है और इसे समाप्त करने के लिए कोई बातचीत नहीं हो पाई।
डेमोक्रेट्स मेडिकल बीमा और स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों में कटौती को फिर से लागू करने की मांग कर रहे हैं, जिसके बारे में ट्रंप का कहना है कि इससे सरकारी खजाने से 1.5 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की राशि निकल जाएगी।
इस गतिरोध के कारण सीनेट सरकार को अस्थायी रूप से वित्त पोषित करने के लिए कानून पारित करने में असमर्थ है। ट्रंप द्वारा डेमोक्रेटिक शासित राज्यों में संघीय बल भेजने और अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के बाद ये विरोध प्रदर्शन भड़क उठे। सरकारी बंद के दौरान ट्रंप ने कई डेमोक्रेट शासित राज्यों में कार्यक्रमों के लिए फंड रोक दिया है। डेमोक्रेट्स समर्थक ट्रंप प्रशासन द्वारा राज्यों में संघीय बल भेजने का भी विरोध कर रहे हैं। दरअसल, राष्ट्रपति ट्रंप का कहना था कि डेमोक्रेट्स शासित राज्यों में कानून व्यवस्था फेल हो चुकी है, इसलिए वह प्रशासन को अपने हाथ में लेना चाहते हैं।
अमेरिका के पश्चिमी तट पर लॉस एंजिल्स में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए, जहां संघीय आव्रजन और अन्य अधिकारियों की आव्रजन प्रवर्तन के खिलाफ प्रदर्शनकारियों से झड़प हुई है। शिकागो के गवर्नर सबसे बड़े ट्रंप आलोचक के रूप में उभरे हैं।
शहर और उपनगरों में संघीय अधिकारियों और संघीय आव्रजन प्रवर्तन (Federal immigration enforcement) का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई हैं। 2,500 से ज्यादा बड़े और छोटे विरोध प्रदर्शनों की योजना बनाई गई है और ज्यादातर प्रदर्शन चल रहे हैं, जिनमें राष्ट्रीय राजधानी भी शामिल है।
Published on:
19 Oct 2025 12:54 pm
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