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अमेरिका के दावों का ईरान के सुप्रीम लीडर ने बनाया मजाक, कहा- ‘अच्छा है सपने देखते रहो’

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान का मजाक बनाया है। उन्होंने अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु योजना के खत्म करने के दावे पर कहा कि अच्छा है सपने देखते रहो।

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Iran Supreme Leader

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई। फोटो: पत्रिका

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई (Iran's Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei) ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) के बातचीत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। खामेनेई ने कहा कि अगर कोई समझौता जबरदस्ती या धमकी से किया जाए, तो वह समझौता नहीं बल्कि दबाव और डराने-धमकाने जैसा होता है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी ईरानी वैज्ञानिकों की हत्या कर सकते हैं, लेकिन उनके ज्ञान की नहीं। खामेनेई ने ट्रंप के उस दावे को भी गलत बताया कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु केंद्रों को बमबारी करके खत्म कर दिया है।

इससे पहले ट्रंप ने गाजा में इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम के बाद इजरायली संसद में कहा था कि वाशिंगटन और तेहरान के बीच शांति समझौता होना बहुत अच्छा होगा। ट्रंप के इस बयान को ठुकराते हुए खामेनेई ने कहा कि अमेरिका गर्व से कहता है कि उसने ईरान के परमाणु उद्योग को बर्बाद कर दिया, अच्छा है, ऐसे ही सपने देखते रहो। उन्होंने साफ कहा कि ईरान को परमाणु सुविधाएं हो या न हों, अमेरिका का इसमें दखल देना गलत और जबरन थोपना है। पश्चिमी देश, खासकर अमेरिका, ईरान पर आरोप लगाते हैं कि वह छुपकर परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन ईरान बार-बार कहता है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण है, सिर्फ ऊर्जा उत्पादन के लिए है।

जून में अमेरिका ने किया था ईरान पर हमला

जून 2025 में अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स – फोर्डो, नतांज और इस्फहान – पर 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' के तहत हवाई हमले किए, जो इजरायल-ईरान युद्ध का हिस्सा था। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे "पूरी तरह सफल" बताते हुए दावा किया कि ईरान का न्यूक्लियर कार्यक्रम "पूर्णतः नष्ट" हो गया। पेंटागन के अनुसार, बी-2 बॉम्बर्स और फाइटर जेट्स ने 330 से अधिक म्यूनिशन दागे, जो ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को रोकने का प्रयास था। ट्रंप ने NATO शिखर सम्मेलन में दावा किया कि हमले ने वैश्विक सुरक्षा मजबूत की।