रायपुर का डब्ल्यूआरएस मैदान राजधानी के सबसे बड़े दशहरा उत्सव का गवाह बना। लोगों को अधर्म पर धर्म और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न देखने का अवसर मिला। उल्लास ऐसा कि हर रास्ते से लोगाें का रेला। देखते ही देखते पूरा मैदान 10 हजार से ज्यादा लोगाें से भर गया। ट्रेनों के पहिए थम गए। मैदान के दूसरे छोर पर 101 फीट का लंकापति रावण, कुंभकरण और मेघनाद के विशालकाय पुतले। समारोह गरिमायम। मंच पर प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, सांसद, विधायकों की मौजूदगी। अतिथियों ने जैसे ही भगवान श्रीराम के जयकारे लगाए तो पूरा मैदान जयघोष से गूंज उठा। सबसे पहले कुंभकरण, फिर मेघनाद जला। आखिरी में राम रूपी पात्र के तरकश से अग्निबाण निकला और सीधे रावण की नाभि में लगा और दर्शक झूम उठे।