Delhi Pollution
Delhi NCR AQI: दिल्ली NCR में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के खराब श्रेणी में पहुंचने के बाद केंद्र सरकार के कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट द्वारा 14 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान स्टेज-I लागू कर दिया गया है। इसी के तहत नोएडा प्राधिकरण ने इलाके में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
नोएडा प्राधिकरण की 14 विशेष टीमें लगातार सेक्टर्स और ग्रामीण इलाकों में निरीक्षण कर रही हैं। इन टीमों ने गुरुवार को शहर के 20 अलग-अलग स्थानों का दौरा किया। साथ ही आमजन को ग्रेप गाइडलाइंस और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया।
प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। वायु प्रदूषण के सबसे बड़े स्रोत सड़क धूल को नियंत्रित करने के लिए प्राधिकरण ने नोएडा के मुख्य मार्गों पर 20 टैंकरों और 10 ट्रक-माउंटेड एंटी स्मॉग गन्स की तैनाती की। इनके जरिए कुल 120 किलोमीटर लंबाई में शोधित पानी का छिड़काव किया गया। इससे सड़कों पर उड़ने वाली धूल में प्रभावी कमी आई।
बता दें कि NCR में वायु प्रदूषण एक बार फिर चिंता का कारण बना हुआ है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के ज्यादातर हिस्सों में हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई है। इसमें भी गाजियाबाद सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ है, उसके बाद नोएडा और दिल्ली का स्थान है।
गाजियाबाद की स्थिति पर गौर करें तो 17 अक्टूबर 2025 की सुबह तक, यहां का AQI 301 तक पहुंच गया था, जिसे 'बहुत खराब' श्रेणी में रखा गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, इस स्तर का प्रदूषण लंबे समय तक रहने पर सांस संबंधी बीमारियों का कारण बन सकता है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त आंकड़े और भी चिंताजनक तस्वीर पेश करते हैं। लोनी इलाके में तो AQI 352 दर्ज किया गया, जो कि 'गंभीर' श्रेणी के काफी करीब है। वहीं, संजय नगर में 288, इंदिरापुरम में 280 और वसुंधरा में 284 AQI रहा।
आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार इलाका सबसे प्रदूषित पाया गया, जहां एक्यूआई 365 दर्ज किया गया। यह स्तर 'गंभीर' श्रेणी में आता है। वहीं, वजीरपुर में 333, बवाना में 306 और मुंडका में 283 AQI रहा। इससे साफ है कि दिल्ली के कई इलाके भी 'बहुत खराब' से लेकर 'गंभीर' श्रेणी की हवा में लोग सांस ले रहे हैं।
नोएडा प्राधिकरण ने जनता से अपील की है कि वे भी प्रदूषण नियंत्रण में जिम्मेदारी निभाएं और कूड़ा या पत्ते ना जलाएं, निर्माण सामग्री खुले में ना रखें और वाहन चलाते समय प्रदूषण प्रमाणपत्र अवश्य साथ रखें।
Published on:
17 Oct 2025 01:58 pm
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