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तालिबान के आगे गिड़गिड़ाया पाकिस्तान, मुनीर-शहबाज की भारी बेइज्जती.!

अब सवाल यह है कि भारत जैसी ताकत के सामने डींगे हांकने वाला पाकिस्तान तालिबान के आगे झुकने पर क्यों मजबूर हुआ? सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान ने तालिबान की क्षमता को कमतर आंका था. उसे लगा था कि तालिबान हर लिहाज से कमजोर है और पाकिस्तान उस पर भारी पड़ेगा, लेकिन जब पाकिस्तान ने यह सब आजमाकर देखा तो हालात उलट गए.

भारत

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Darsh Sharma

Oct 16, 2025

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच भले ही 48 घंटे के सीजफायर पर सहमति बनी है.. लेकिन दोनों देशों के बीच जारी जंग में तालिबान पाकिस्तान पर बहुत भारी पड़ा है। कई दिनों तक चली जमीनी और हवाई लड़ाई में दोनों पक्षों की तरफ से सैंकड़ों लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा घायल हुए हैं। 2021 में काबुल की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच ये हिंसा का सबसे बुरा दौर है। पाकिस्तान के उकसावे पर तालिबान ने उसे भारी नुकसान पहुंचा। लिहाजा, अफगानिस्तानी आक्रोश से घबराए पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिफ मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सीजफायर की मांग कर दी।

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि काबुल ने अपनी सेनाओं को युद्धविराम का पालन करने का निर्देश दिया है, लेकिन इसके लिए पाकिस्तान को आक्रामकता से दूर रहना होगा। जबीहुल्लाह ने बताया कि युद्धविराम के लिए पाकिस्तानी पक्ष ने ही आग्रह किया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस युद्धविराम की घोषणा करते हुए बताया कि इसका उद्देश्य शत्रुता को कम करना और अस्थिर सीमा पर हाल ही में भड़की लड़ाई के बाद बातचीत का रास्ता खोलना है। इस बीच ये सवाल बना हुआ है कि ताजा युद्धविराम कितने दिनों तक चल पाएगा..? क्योंकि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया है कि सीजफायर ज्यादा समय तक टिकेगा नहीं। उन्होंने कहा कि तालिबान अब पाकिस्तान के खिलाफ भारत का प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा है. उनके फैसले नई दिल्ली से प्रायोजित हैं. इस वजह से संघर्षविराम लंबे समय तक नहीं टिकेगा।