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बीकानेर का हृदय: नट-बोल्ट से लेकर जरूरत का हर सामान

कभी यहां दो ही दुकान होती थीं, लेकिन आज 500 से अधिक दुकानें है।

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केईएम रोड

केईएम रोड

बीकानेर का केईएम रोड। नाम बदलकर महात्मा गांधी मार्ग हुआ, लेकिन पहचान आज भी केईएम रोड से है। दशकों पहले 2 से 4 दुकानों से शुरू हुए इस बाजार में आज सैकड़ों दुकानें हैं। व्यापारी सुनील बांठिया बताते हैं कि 1966 में दादा ने एक छोटी दुकान शुरू की थी। आज चौथी पीढ़ी इसको संभाल रही है। दादा बताया करते थे कि 1950 के बाद ही केईएम रोड का बाजार विकसित होना शुरू हुआ था। कभी यहां दो ही दुकान होती थीं, लेकिन आज 500 से अधिक दुकानें है। ये बीकानेर का हृदय स्थल है। यहां नट बोल्ट से लेकर जरूरत का हर सामान आपको आसानी से मिल जाएगा। कोलकाता, मुंबई, सूरत से बीकानेर आने वाले लोग भी जब तक इस बाजार में नहीं जाते हैं, तब तक खरीदारी अधूरी ही समझते हैं। सड़क पर बना बाजार शहर का सबसे प्रमुख व्यावसायिक मार्ग है। इस बाजार की खासियत है कि यहां पर पर्यटकों को होटल, ट्रेवल एजेंसी, बड़ी कंपनियों के शोरूम, फुटकर सामान सहित अन्य जरूरत के सामान भी आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।

जरूरत का हर सामान

बाजार की शुरुआत सुबह 9 बजे गर्मा-गर्म नाश्ते के साथ ही हो जाती है। यहां कचौड़ी-पकोड़ी, जलेबी और पनीर कोता काफी पसंद के साथ में खाया जाता है। इसके बाद धीरे-धीरे बाजार में रौनक शुरू हो जाती है। खरीदारी का दौर देर रात तक चलता ही रहता है। इस बाजार में खान-पान के अलावा, साड़ियां, ज्वेलरी, जूते-चप्पल, बैग्स, हैंडीक्राट, फर्निशिंग, सलवार-सूट्स, रजाई-कंबल, शोपीस, गिट आइटम, कॉसमेटिक्स सामान आसानी से मिल ही जाता है। इसी रोड पर कुछ प्रमुख मार्केट भी हैं। इनमें खजांची मार्केट में कपड़े तथा जैन मार्केट में इलेक्ट्रॉनिक सामान मिलता है। साथ ही फड़ बाजार किराणा के सामान के लिए प्रसिद्ध है।

1990 से दुकान संभाल रहे
मुकेश भाटिया ने बताया कि 1990 से दुकान संभाल रहे हैं। पिता बताते थे कि यहां जूते-चप्पल की दुकानें अधिक थीं। कोटगेट भी रात को बंद हो जाता था। केईएम रोड ब्रिटिश राजा के नाम पर पड़ी। आज हर तरह का सामान यहां उपलब्ध है। धीरे-धीरे बाजार बढ़ता ही जा रहा है।