इंदौर। शहर के बेतरतीब ट्रैफिक को लेकर लगी याचिका में सुनवाई के दौरान जब अफसर पेश हुए तो हाई कोर्ट का लहजा तल्ख था। साफ कहना था कि जब चौराहे पर जवान खड़ा था तो ट्रैफिक नियम कैसे टूट रहे हैं और तोडऩे वालों पर क्या कार्रवाई हो रही है? इसको लेकर टीम पत्रिका ने हैवी ट्रैफिक के समय यानी शाम 5 से 6 बजे के बीच शहर की प्रमुख सडक़ व बड़े चौराहों का लाइव कर हकीकत जानी। खुलासा हुआ कि कोर्ट की सख्ती का पुलिस के रवैये में कोई बदलाव या असर नहीं हुआ। अधिकांश जगहों पर ट्रैफिक बेतरतीब था तो कई जगहों पर पुलिस नदारद थी। जहां पर पुलिस थी तो वह ट्रैफिक संभालने के बजाए चालानी कार्रवाई कर रही थी। कुछ तो सडक़ के कोने में खड़े होकर मोबाइल देख रहे थे। एमजी रोड पर तो जिला कोर्ट के बाहर सडक़ पर नो पार्किग में कारों की कतार लगी थी तो दूसरी तरफ मार्ग वन वे ना होकर टू वे लग रहा था। बड़े पैमाने पर नो एंट्री में दो पहिया वाहन दौड़ते नजर आए।