मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जानलेवा हमला करने वाला व्यक्ति राजेश खिमजी भाई सकरिया शराब तस्कर निकला है, जो गुजरात का रहने वाला है। चुंकि गुजरात एक ड्राई स्टेट है, जहां शराब पुरी तरह बैन है। हमलावर पर साल 2017 से 2022 के बीच नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं। राजेश सकरिया शराब तस्करी के कई मामलों में आरोपी रह चुका है। ये सारे मामले राजकोट के भक्तिनगर थाने में दर्ज हुए थे। जिनमें शराब तस्करी, धमकी देना, शराब पीकर मारपीट करना और धारदार हथियार से हमला जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। चार मामलों में वह बरी हो चुका है, लेकिन पांच केस अब भी अदालत में चल रहे हैं। इतना ही नहीं, उस पर अपनी पत्नी के साथ मारपीट का केस भी दर्ज है। राजेश, उसका भाई और उसका पिता – तीनों ऑटो रिक्शा चलाते हैं।
पुलिस को शक है कि राजेश कोई पशु प्रेमी नहीं है, जैसा वह खुद को बताता है। आशंका जताई जा रही है कि उसे किसी साजिश के तहत सीएम के आवास पर हमला करने के लिए भेजा गया हो सकता है। जिस तरह से उसने वारदात को अंजाम दिया, उससे भी शक और गहरा हो गया है कि यह अकेले की नहीं बल्कि एक सोची-समझी योजना हो सकती है। अब इस मामले की जांच सिर्फ दिल्ली पुलिस नहीं कर रही है। स्पेशल सेल, आईबी और कई केंद्रीय एजेंसियां भी उससे पूछताछ कर रही हैं। एक संयुक्त आयुक्त के नेतृत्व में जांच की जा रही है, जिसमें यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि क्या यह सुरक्षा में चूक थी या एक बड़ी साजिश का हिस्सा। संयुक्त आयुक्त मधुर वर्मा ने बताया कि राजेश अकेले ही मुख्यमंत्री के कैंप ऑफिस में आया था, इसलिए अब तक उसके खिलाफ साजिश की धारा नहीं जोड़ी गई है। लेकिन अगर जांच में साजिश का पता चलता है, तो आगे यह धारा भी जोड़ी जा सकती है।
बता दें कि इस समय आरोपी के खिलाफ तीन गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ है। हत्या की कोशिश, सरकारी कर्मचारी को चोट पहुंचाने और सरकारी काम में बाधा डालने की धाराएं लगाई गई हैं। मुख्यमंत्री को इस हमले में चोट भी आई है, इसलिए उस पर हत्या की कोशिश की सबसे गंभीर धारा लगी है, जिसमें दोषी पाए जाने पर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। अगर पीड़ित को चोट न लगी होती, तो यह धारा केवल 10 साल की सजा तक सीमित हो सकती थी, लेकिन चोट के कारण यह मामला अब और गंभीर हो गया है। बाकी धाराओं में दो साल तक की जेल और जुर्माना, तथा सरकारी काम में बाधा डालने पर तीन महीने की जेल और दो हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। अगर पुलिस पुख्ता सबूत जुटाने में कामयाब होती है, तो आरोपी को जिंदगी भर जेल में रहना पड़ सकता है।
यहां सवाल उठता है कि राजेश दिल्ली क्यों आया था? जानकारी के मुताबिक, सोमवार को वह अपने घर से उज्जैन जाने की बात कहकर निकला था। अहमदाबाद से ट्रेन पकड़कर वह उज्जैन होते हुए मंगलवार सुबह 6:30 बजे दिल्ली पहुंचा। दिल्ली पहुंचने के बाद वह पहले सिविल लाइंस के पास एक रैन बसेरा गया। वहां किसी ने उसे गुजराती समाज भवन जाने की सलाह दी। गुजराती समाज भवन में कुछ देर रुकने के बाद वह शालीमार बाग स्थित मुख्यमंत्री आवास के पास पहुंचा। उसने ऑटो रिक्शा से उतरकर ड्राइवर को पैसे दिए और फिर किसी से मोबाइल पर बात की। इसके बाद वह मुख्यमंत्री आवास का वीडियो बनाने लगा। पुलिस मुताबिक यह पूरी हरकत रेकी के मकसद से की गई थी, यानी हमले से पहले जगह की जानकारी इकट्ठा की जा रही थी। उसकी तस्वीरें सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गईं। बाद में वह जन सुनवाई में शामिल होने के लिए पर्ची बनवाकर लौटा और बुधवार सुबह करीब 8 बजे सीएम कैंप कार्यालय पहुंचा और वहां हमला कर दिया। इस हमले ने न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि इस बात की भी जांच हो रही है कि कहीं इसके पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं है।