इस तरह के मामलों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। रेफर करने का कोई ठोस मापदंड नहीं दिखता, बल्कि ऐसा लगता है मानो डॉक्टर जिम्मेदारी से बचने के लिए मरीजों को इंदौर भेज देना ही आसान विकल्प मानते हैं। अस्पताल में मौजूद संसाधनों का समुचित उपयोग न करना और जरा सी परेशानी में मरीज को रेफर कर देना, अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है।