थाना जीआरपी खंडवा ने 1.82 करोड़ की लूट के मामले में डायरी प्राप्त होने के 12 घंटे में ही खुलासा कर दिया है। लूट की घटना फर्जी निकली, फरियादी ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर सोने के गहनों की हेराफेरी की थी। फरियादी के रूप में घायल दिखने के लिए स्वयं को पहुंचाई चोटों से जीआरपी को शंका होने पर पूछताछ के बाद सारा मामला खुल गया। जीआरपी और आरपीएफ ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए चारों आरोपियों से माल जब्त किया। जमानती केस होने से चारों आरोपियों को नोटिस जारी कर छोड़ा गया।
यह था मामला
फरियादी सागर पारख ने 30 सितंबर को मुंबई सीएसटी जीआरपी थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि खंडवा के पास गरीब रथ में उसके साथ कुछ बदमाशों ने लूट की घटना को अंजाम दिया है। आरोपियों ने उसे चाकू मारकर उसके पास रखे सोने के जेवर करीब डेढ़ किलो छीनकर भाग निकले। मामला बड़ा होने से जीआरपी मुंबई ने शून्य पर कायमी करते हुए खंडवा जीआरपी को दी। जीआरपी एसपी राहुल कुमार लोढ़ा, एएसपी नीतू सिंह डावर एवं डीएसपी रेल इटारसी महेंद्र सिंह कुल्हारा के निर्देशन में खंडवा जीआरपी ने मुंबई से केस डायरी आने का इंतजार किए बिना जांच शुरू की। साथ ही जीआरपी टीआई प्रकाशचंद सेन ने खुद ही जवान भेजकर मुंबई से डायरी प्राप्त की।
ऐसे पकड़ाया आरोपी का झूठ
फरियादी सागर पारख ने लूट के दौरान बदमाशों द्वारा चाकू मारना और ट्रेन रुकवाकर भागना बताया था। फरियादी के शरीर पर लगे घाव के निशान अन्य द्वारा चाकू मारने के प्रतीत नहीं हो रहे थे। फरियादी का मेडिकल करवाया गया तो स्वयं ही चोट पहुंचाना सामने आया। वहीं, जहां ट्रेन रुकवाकर बदमाशों के कूदने की जगह बताई, वहां से गरीब रथ 100 किमी की रफ्तार से गुजरना सामने आया। फरियादी की कॉल डिटेल ने भी उसका झूठ सामने ला दिया।
माल देखकर आया था लालच
सभी आरोपी मुंबई के ज्वेलर्स के यहां सेल्समैन का काम करते है। आरोपी सागर पारख के साथ संजय कुमार, राकेश कुमार डेढ़ किलो सोने के जेवर लेकर मप्र आए थे। इतना सोना देखकर सभी के मन में लालच आ गया और साजिश रचकर फर्जी लूट की घटना बताई। आरोपियों ने कल्याण में चौथे साथी प्रवीण तुंबाराम को जेवर सौंप दिए थे। जीआरपी ने आरोपियों के कब्जे से 26 जोड़ कंगन कुल 52 नग, 35 सोने की अंगूठियां कुल कीमती 1.82 करोड़ रुपए जब्त किए।
बीमा क्लेम के चक्कर में मालिक भी मान गया
मुख्य आरोपी सैल्समैन सागर पारख ने फर्जी लूट की घटना के बाद अपने मालिक को भी शीशे में उतार लिया। मालिक भी बीमा क्लेम मिलने के चक्कर में नौकरों के झांसे में आ गया। दरअसल पूरे सोने का बीमा था, जिसके चलते ही सैल्समैनों ने मिलकर साजिश रची थी। जीआरपी थाना प्रभारी प्रकाशचंद सेन ने बताया कि बीमा क्लेम वाले एंगल पर भी जांच की जा रही है।
महज 12 घंटे में कर दिया खुलासा
जीआरपी को केस डायरी 3 अक्टूबर को प्राप्त हुई। मामले की गंभीरता को देखते हुए जीआरपी और आरपीएफ ने संयुक्त जांच शुरू की। जीआरपी टीआई प्रकाशचंद सेन और आरपीएफ पोस्ट प्रभारी संजीव कुमार ने महज 12 घंटे में ही मामले का खुलासा कर दिया। कार्रवाई में जीआरपी एएसआई शेख मकसूद, अब्दुल शरीफ, प्रआ कैलाश केवट, कृष्ण कुमार पटेल, महिला प्रआ संध्या गौतम, आर दीपक कुमार, रवि राठौर, हरिओम, मेहफूज, विनोद कुमार, भवप्रताप, गजेन्द्र अडकने एवं सायबर सेल भोपाल आर अमित, शैलेंद्र चौधरी, प्रआर देवेन्द, आ. सुरेन्द्र शाक्य, जीआरपी कंट्रोल रूम भोपाल एवं पोस्ट आरपीएफ खंडवा उनि एके सिंह, प्रआर श्याम सुंदर पवार, प्रआर महेंद्र कुशवाह, आर. विनोद कुमार की सराहनीय भूमिका रही।