संघ का शताब्दी वर्ष पूर्ण हो गया है। इस दौरान संघ को यहां तक पहुंचाने में असंख्य स्वयंसेवकों ने कड़ी तपस्या की है, जिनके पुरुषार्थ से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्र विरोधी शक्तियों के सामने विराट रूप में खड़ा है। यह बात मुख्य वक्ता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय संपर्क प्रमुख प्रवीण गुप्त ने संघ शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में निकलने वाले पथ संचलन के पूर्व बौद्धिक और प्रकटीकरण कार्यक्रम में कही।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 साल पूरे होने पर रविवार को शहर में पथ संचलन निकला। नॉर्मल स्कूल ग्राउंड से निकले पथ संचलन में हजारों की संख्या में स्वयंसेवक व आमजन शामिल हुए। इस दौरान सबसे पहले स्वयंसेवकों ने योग अभ्यास का प्रदर्शन किया। इसके बाद बौद्धिक हुआ। अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. सुभाष जैन ने कहा कि संघ को अब पूरी दुनिया में स्वीकार किया जाने लगा हैं। प्रवीण गुप्त ने राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के सामने स्वयंसेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि देश तोडऩे के षड्यंत्रों से लडऩे का एक मात्र विकल्प हिंदू समाज का बल संपन्न, शील संपन्न, संगठित, जागरूक एवं सक्रिय होना हैं। ये देश की एकता, एकात्मता, विकास और सुरक्षा की गारंटी हैं।
एक घंटा 20 मिनट तक चला पथ संचलन
अतिथि उद्बोधन होने के बाद घोष की ताल पर पथ संचलन शुरू हुआ। हनुमान मंदिर पड़ावा के पास द्विधारा यानी कि दो भागों में विभाजित होकर निकला। दोनों ही संचलन शहर के अलग-अलग प्रमुख चौक-चौराहों से होते हुए केवल राम चौराहा पहुंचे। जहां पर दोनों धाराओं का संगम हुआ और एक संचलन के रूप में शहर के मुख्य मार्ग से होता हुआ वापस नॉर्मल स्कूल राउंड पहुंचा जहां संचलन का समापन हुआ। आभार नगर संघ चालक नवनीत अग्रवाल ने माना। दोनों पथ संचलन ने साढ़े पांच-पांच किमी की दूरी एक घंटे 20 मिनट में पूरी की।
फूलों से पटी शहर की सडक़ें
पथ संचलन का शहर के विभिन्न क्षेत्रों में पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया। शहर में 50 से अधिक स्वागत मंच लगाए गए थे। कई स्थानों पर महिलाओं ने अपने घर, प्रतिष्ठान के सामने रंगोली भी बनाई। बांबे बाजार में तो पुष्प वर्षा के बाद सडक़ फूलों से पट गई।
फैक्ट फाइल
8-8 की कतार में शुरू हुआ पथ संचलन
4-4 की कतार में द्वि धारा में विभाजित हुआ
5 हजार से अधिक स्वयं सेवक हुए शामिल
1.20 घंटे तक चला पथ संचलन
5.50 किमी की बराबर दूरी रही दोनों भागों में
55 मिनट तक चला बौद्धिक प्रकट कार्यक्रम
50 से अधिक स्थानों पर हुआ पुष्पवर्षा से स्वागत
11 घोष दल भी हुए शामिल