पिपलौद थाना क्षेत्र के ग्राम गांधवा का मामला है। बोरगांव बुजर्ग पंचायत अंतर्गत आने वाले पलसिया फाटी गांव में रहने वाले लाबू बारेला को अपने 18 माह के बालक ओम का उपचार एक फर्जी डॉक्टर से करना भारी पड़ गया। पिता लाबू बारेला व रिश्तेदार अंतरसिंह ने बताया कि बालक ओम बारेला दो तीन दिन से ओम को दस्त लगे थे उसे बुखार भी आ रहा था। गुरुवार दोपहर में लाबू बारेला अपने बेटे ओम को उपचार कराने गांधवा ले गए थे।
बालक की मौत होते ही भाग गया डॉक्टर
यहां डॉक्टर हिंमाशू यादव के क्लीनिक पर गए थे। डॉक्टर ने कहा की बालक को निमोनिया हो गया है, उसे सलाइन लगाना पड़ेगी। जिसके बाद ओम को भर्ती कर लिया। पहले एक बाटल लगाई, इसके बाद दूसरी बाटल लगाई जिसमें एक साथ पांच इंजेक्शन लगा दिए। करीब आधे घंटे में ही ओम की मौत हो गई। यह देख डॉक्टर हिमांशू भाग गया। क्लीनिक के अंदर एक महिला ने आकर सलाइन की बोतल निकाली।
पिपलौद थाने में मर्ग कायम
पिता लाबू ओम का शव लेकर गांव आए। यहां परिवार को बताया कि डॉक्टर ने उनके बेटे की जान ले ली। देर रात गांव के लोगों के साथ शव लेकर पिपलौद थाने गए। यहां पुलिस को बताया कि डॉक्टर की लापरवाही से बच्चे की मौत हुई है। जिसके बाद पुलिस ने मर्ग कायम कर शव पीएम के लिए जिला अस्पताल पहुंचााया। इस मामले में पिपलौद थाना प्रभारी निरीक्षक एसएन पांडे ने बताया कि शुक्रवार दोपहर में पीएम कर शव परिवार को सौंप दिया। पीएम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
बीच पढाई छोड़कर खोल लिया था अस्पताल
2018 में डॉक्टरी करने रशिया गया था। एक साल बाद 2019 में लॉकडाउन लगने पर हिंमाशु वापस आया गया था। उसने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। इसके बाद गांव में ही क्लीनिक खोल लिया था। उसके पिता गणेश गांधवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ड्रेसर के पद पर पदस्थ है। सूत्रों के अनुसार पिता भी बेटे की तरह ही लोगों का उपचार कर रहे थे। छोटे भाई के नाम पर मेडिकल जो क्लीनिक में ही खोल रखा है। इसके साथ ही खंडवा में पंधाना रोड पर एक मॉल में होलसेल दवाइयों की दुकान है।
चार अवैध क्लीनिक पर ताला, आरोपी डॉक्टर पर केस दर्ज करने के लिए दिया आवेदन
आदिवासी बालक की मौत के बाद जागे स्वास्थ्य विभाग ने गांधवा में अवैध रूप से चल रहे क्लीनिक पर छापामार कार्रवाई की। मुख्य रूप से अपंजीकृत चिकित्सक हिमांशू यादव के साथ ही राजेंद्र पिता हुकुमचंद चंदोरे, दीपक जगदीश तथा राजेंद्र काशीशंकर के क्लीनिक पर टीम पहुंची थी। हालांकि बच्चे की मौत के बाद यह सभी क्लीनिक बंद मिले। फर्जी डॉक्टर क्लीनिक पर ताला लगाकर फरार हो गए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर ओपी जुगतावत ने बताया कि 18 माह के बच्चे की मौत के मामले में आरोपी डॉक्टर हिमांशु पर प्रकरण दर्ज करने के लिए पिपलौद थाने में आवेदन दिया।
डॉक्टरों की पैनल बनाकर मामले की जांच करवाई जा रही है। जिले में कहीं भी बिना डिग्री के फर्जी तरीके से क्लीनिक खोलकर उपचार करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके निर्देश दे दिए गए हैं। – केआर बड़ोले, अपर कलेक्टर।