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खाद्य एवं औषधि विभाग… त्योहारी सीजन में शुरू हुआ जांच के नाम पर खेल

-सीजन बीतने के बाद आती रिपोर्ट, जब तक खप जाता माल -छह माह में 139 सैंपल भेजे जांच के लिए, महज 8 की आई रिपोर्ट

खंडवा

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Manish Arora

Oct 11, 2025

त्योहारी सीजन में खाद्य विभाग ने खाद्य सामग्री के सैंपल लेना शुरू किए है। हर साल त्योहार के समय शुरू होने वाला जांच का यह खेल, उपभोक्ताओं के लिए किसी काम का नहीं है। जांच के चार से पांच माह बाद सैंपल की रिपोर्ट आ रही है, जब तक जिन वस्तुओं का सैंपल लिया गया है, वह बाजार में खप चुकी होती है। पिछले छह माह में ही खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा 139 सैंपल जांच के लिए भेजे गए, जिसमें से सिर्फ आठ की ही रिपोर्ट आई है। इसमें दो नमूने फेल पाए गए।

दशहरा बाद खाद विभाग द्वारा किराना, नमकीन, मिठाई दुकानों से खाद्य पदार्थों की जांच के लिए सैंपल लिए जा रहे है। गुरुवार से इसके लिए 10 दिवसीय अभियान की शुरुआत की गई है। शुक्रवार को खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजीव मिश्रा और निरीक्षक राधेश्याम गोले द्वारा दो जगह सैंपलिंग की गई। इसमें राजश्री नमकीन से दो सैंपल जिसमें चिवड़ा और मिक्सच नमकीन के सैंपल लिए गए। वहीं, न्यू भारती ट्रेडर्स से पैक्ड बादाम और किशमिश के नमूने लिए गए। इसके पूर्व गुरुवार को गुरुकृपा किराना सिंगोट से सौंफ, सपना नमकीन सिंगोट से मोटी सेव, वेज फेट, बारीक सेव, चारण डेयरी जसवाड़ी से घी, मिक्स दूध, साई किराना जसवाड़ी से पतंजलि घी, दीपाजंलि वेज फेट, सुखदेव किराना जसवाडी से हल्दी, मिर्च के सैंपल लिए गए।

छह माह में महज दो नमूने फेल
खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा एक अप्रैल से 9 अक्टूबर तक कुल 139 जगह से सैंपल लिए गए। इसमें आठ की रिपोर्ट ही आई है, जिसमें दो नमूने फेल पाए गए। गुलाब चाइनिज से 22 अप्रैल को लिए टमाटर सॉस के सैंपल की रिपोर्ट हाल ही में आई है। ये टमाटर सॉस अमानक पाया गया है। वहीं, 24 जून को आंचल ट्रेडर्स से लिए जैली के नमूने मिथ्या ब्रांड पाए गए। जब तक नमूने फेल पाए गए तब तक जैली भी बिक चुकी थी और टमेटो सॉस भी लोगों के पेट में पहुंच चुकी थी। अब विभाग महज सक्षम न्यायाल में वाद ही प्रस्तुत कर सकता है।

बादाम से तेल हो रहा गायब
इस त्योहारी सीजन में पहली बार खाद्य विभाग ने ड्रायफ्रूट्स के सैंपल भी लेना शुरू किए है। शुक्रवार को खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बादाम और किशमिश के नमूने लिए है। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजीव मिश्रा ने बताया विभाग को सूचना मिली है कि बादाम मानव निर्मित नहीं है, लेकिन कुछ कंपनियां हिट ट्रेम्प्रेचर मैथट से बादाम को बिना किसी नुकसान के उससे तेल निकाल रही है। यहीं बादाम बाद में मार्केट में बिकने आ रहा है। बिना तेल के बादाम की पौष्टिकता आधी रह जाती है। कंपनी इससे दोहरा फायदा उठाती है, बिना तेल की बादाम को पूरे दाम में बेचा जाता है। वहीं, इसके तेल के दाम भी वसूल लेती है।

प्रदेश में सिर्फ चार लैब
खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा प्रदेशभर में लिए जाने वाले खाद्य सैंपल की जांच के लिए प्रदेश में सिर्फ चार ही लैब है। इसमें खंडवा जिले के सारे नमूने भोपाल भेजे जाते है। भेजे गए जांच नमूनों की रिपोर्ट 14 से 20 दिन में देने का नियम है, लेकिन ये रिपोर्ट डेढ़ से चार माह बाद तक आ रही है। भोपाल के अलावा इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में एफएसएसएआइ की लैब चल रही है।

दो दिन में भेज देते सैंपल
हमारे द्वारा सैंपल लेने के तुरंत बाद ही दो दिन के अंदर भोपाल लैब भेज दिए जाते है। लैब से ही देरी से रिपोर्ट मिल रही है। हम रिपोर्ट के आधार पर सक्षम न्यायालय में प्रकरण भेज देते है। वहां से जो आदेश होता है, उस अनुसार कार्रवाई करते है।
संजीव मिश्रा, जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी