सनातनी हो तो निर्भीक होकर सनातनी कहो, सनातन सबसे पुराना धर्म है, हम धर्म को ढोंग की तरह मानने लगे है, इसे बंद करे। सनातन केवल एक नारा नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और अपने मूल धर्म की पहचान को पुनर्जीवित करने का आह्वान है। यब बात राष्ट्रीय विचारक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने रविवार को चिंतन सभा में अपने व्याखान के दौरान संबोधित करते हुए कही। रोटरी क्लब ऑफ निमाड़ द्वारा रविवार किशोर सभागृह में राष्ट्र निर्माण और युवा जागरण के लिए व्याख्यान माला का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता राष्ट्रीय विचारक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि आज समय आ गया है जब हर भारतीय को राष्ट्र, धर्म और संस्कृति पर गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि “वंदे मातरम” जो संसद में सर्वप्रथम पूरा गाया गया था, अब उसे अधूरा गाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने युवाओं के सशक्तिकरण और युवतियों को लीडर व साहसी बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा युवतियों को कभी भी अपने साथ हुए दुव्र्यवहार या बेड टच से डरना नहीं चाहिए और तुरंत ही अपने माता पिता को बताना चाहिए। उन्होंने बालिकाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने का आह्वान किया और कहा कि समाज तभी सुरक्षित होगा जब हमारी बेटियां सुरक्षित होंगी।
मतदान नहीं, मताधिकार कहे
उन्होंने इतिहास के कई पन्ने खोलते हुए तथ्यों को उजागर किया। कुलश्रेष्ठ ने कहा कि “मतदान शब्द स्वयं में त्रुटिपूर्ण है, क्योंकि ‘दान’ में हम कुछ देकर वापसी की अपेक्षा नहीं करते। इसलिए इसे मताधिकार कहा जाना चाहिए। कार्यक्रम में उपस्थित बालक स्वामी केशवाचार्य महाराज ने भी उपस्थितजन को आशीर्वचन दिए। इस अवसर पर रोटरी मंडल 3040 के मंडल अध्यक्ष सुशील मंडलोई एवं निर्वाचित मंडल अध्यक्ष संस्कार कोठारी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन लोकेश झंवर ने किया। सहायक मंडल अध्यक्ष सुनील बंसल ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर सुभाष मेहता, मनीष अग्रवाल, अनूप हिंदूजा, नारायण बाहेती, संजीव मंडलोई, अतुल अत्रिवाल, रूपेश गुप्ता, राज नारायण परवल सहित बड़ी संख्या में युवा, युवतियां, महिलाएं व गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।