संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस बीआर गवई के अपमान पर बहुजन समाज में आक्रोश है। ग्वालियर के वकील अनिल मिश्रा द्वारा बाबा साहब को लेकर की जा रही गलत टिप्पणी एवं सीजेआई गवई पर वकील राकेश किशोर द्वारा जूता फेंकने की कोशिश करने वाले अधिवक्ता पर कार्रवाई की मांग बहुजन समाज ने की है।
भारत के संविधान का भी अपमान
शुक्रवार को आजाद समाज पार्टी काशीराम और भीम आर्मी ने रैली निकालकर राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन अपर कलेक्टर केआर बड़ोले को सौंपा। आजाद समाज पार्टी जिलाध्यक्ष दीपक नीरज ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से ग्यालियर के एक दूषित मानसिकता के वकील अनिल निश्रा द्वारा संविधान के निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर पर अपमानजनक टिप्पणियां की जा रही है। जो न केवल बाबा साहब का अपमान है अपितु भारतीय संविधान का भी अपमान है।
दलित न्यायाधीश के प्रति दूषित सोच
उक्त घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस बीआर गवई पर एक दूषित मानसिकता के वकील राकेश किशोर द्वारा जूता फेंकने की कोशिश की गई थी, जो दलित न्यायाधीश के प्रति अपनी घृणा एवं रोष को व्यक्त करता है। उक्त दोनों घटनाओं में द्वारा किया गया कृत्य दलित समुदाय के प्रति अपनी घृणा एवं अपनी ओछी सोच को दर्शाता है। ऐसे संविधान एवं जाति वित्तेची वकीलों पर एससी एसटी एक्ट में प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए। साथ ही अनिल मिश्रा के बार काउंसिल का लायसेंस हमेशा के लिये रद्द किया जाना चाहिए।