Bisalpur Dam का जलस्तर बढ़ तो रहा है लेकिन पूर्ण जलभराव यानि 315.50 से अभी भी 9 सेंटीमीटर दूर है। बांध के कंट्रोल रूम से प्राप्त जानकारी के अनुसार बांध में डाई नदी से सबसे अधिक आवक बनी हुई थी। उससे पहले बनास नदी से आवक हो रही थी। लेकिन अब जलभराव में सहायक डाई व बनास दोनों नदियों से हो रही आवक भी धीरे धीरे कम हो रही है। बुधवार को गेज महज प्रति छह घंटे के दौरान एक सेंटीमीटर की रफ्तार पर चलकर थमने के कगार पर पहुंचता जा रहा है।
कम पड़ती पानी की आवक
कम पड़ती पानी की आवक के साथ ही बांध के छलकने की उम्मीदें भी आगे खिसकती जा रही है। बांध परियोजना के अधिशासी अभियंता मनीष बंसल ने बताया कि बांध का गेज पूर्ण जलभराव 315.50 होने और केचमेंट एरिया से पानी आवक जारी रहने के बाद अतिरिक्त पानी की निकासी पर विचार किया जाएगा। बंसल का कहना है कि बांध का गेज मंगलवार सुबह 6 बजे तक 315.32 आर एल मीटर दर्ज किया गया था। वहीं बुधवार सुबह तक बांध का गेज 7 सेमी की बढ़ोतरी के साथ गेज 315.39 आर एल मीटर दर्ज किया गया।
बुधवार शाम 4 बजे तक बांध का जलस्तर 315.41 आर एल मीटर
बुधवार शाम 4 बजे तक बांध का जलस्तर 315.41 आर एल मीटर हो चुका है। ऐसे में अभी बांध को छलकने के लिए 0.70 टीएमसी पानी की आवश्यकता है। मंगलवार सुबह बांध के गेट खोलने की तैयारी पूरी हो गईं थी लेकिन पानी की अपेक्षित आवक नहीं होने से बांध के गेट खुलने का इंतजार और लंबा खिंच गया। बुधवार को बांध पर पर्यटक भी कम ही पहुंचे। हालांकि श्रावण मास के कारण गोकर्णेश्वर महादेव मंदिर पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है। श्रद्धालु तेज गर्मी और बारिश के अभाव में मंदिर से ही वापस लौट रहे हैं बांध तक नहीं पहुंच रहे।
राजस्थान पत्रिका के लिए बीसलपुर से बनवारी वर्मा की रिपोर्ट