-सीधे चूरू, झुंझुनूं और सीकर जिलों में पानी पहुंचाया जाएगा
-किसी भी तरह की रिस्क नहीं उठाना चाहता राजस्थान
जयपुर. यमुना जल परियोजना के तहत हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज (ताजेवाले हेड) पर राजस्थान का खुद का पंप हाउस (इन्टेक) बनाना लगभग तय हो गया है। यह पंप हाउस बनने पर पानी वितरण को लेकर हरियाणा पर निर्भरता नहीं रहेगी। इस पंप हाउस से सीधे चूरू, झुंझुनूं और सीकर जिलों में पानी पहुंचाया जाएगा।
जल संसाधन विभाग ही तय करेगा कि किस समय कितना पानी लेना है। दोनों राज्यों के बीच हुए एमओयू के तहत 577 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलना तय हुआ है। अभी पेयजल लाइन बिछाने के लिए सर्वे किया जा रहा है। पहले चरण में हरियाणा से राजस्थान बॉर्डर तक लाइन का अलाइनमेंट तय होगा। इसकी दूरी करीब 300 किलोमीटर है। इसके बाद पम्प हाउस निर्माण प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
खट्टर के बयान से गरमाई थी सियासत...
हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा था कि राजस्थान को पानी केवल उन्हीं 15-20 बरसाती दिनों में मिलेगा, जब हरियाणा में 24,000 क्यूसेक क्षमता पूरी होने के बाद अतिरिक्त पानी बचेगा। इसके बाद ही जल संसाधन विभाग फूंक-फूंक कर कदम बढा़ता रहा। हालांकि केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल की सीधी मॉनिटरिंग के बाद पड़ोसी राज्य से किसी तरह की दिक्कत नहीं आने की स्थिति बनी है।
हिमाचल-उत्तराखंड में बना रहे बांध, बारिश के बाद भी मिलेगा पानी
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तीन बांध बनाए जा रहे हैं। इनमें यमुना नदी जलग्रहण क्षेत्र में रेणुकाजी (हिमाचल प्रदेश) एवं लखवार बांध (उत्तराखंड) शामिल है। नदी में ज्यादा पानी आने पर बांध में पानी रोका जाएगा और इसी पानी को जरूरत के अनुसार राज्यों में सप्लाई के लिए छोड़ा जाएगा। प्रदेश को अपने हिस्से का पानी पूरे वर्ष उपलब्ध होने की संभावना बढ़ेगी। राजस्थान ने निर्माण के लिए अपनी हिस्सा राशि दे दी है।
पहले पेयजल, फिर सिंचाई...
-पहले चरण में राजस्थान के चूरू, सीकर, झुंझुनूं और अन्य क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के लिए जल उपलब्ध होगा।
-दूसरे चरण में चूरू जिले में 35000 हेक्टेयर और झुंझुनूं जिले में 70000 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा।
Published on:
09 Aug 2025 06:28 pm