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स्मार्टवॉच तनाव का सही अंदाजा नहीं लगा पाती: शोध

शोधकर्ताओं का कहना – डिवाइस उत्साह और ओवरवर्क में फर्क नहीं कर पाती

जयपुर। स्मार्टवॉच का दावा है कि वे पूरे दिन आपकी निगरानी करती हैं ताकि आपका काम और जिंदगी में तनाव हावी न हो। लेकिन एक नए अध्ययन में पाया गया कि स्मार्टवॉच आपके तनाव स्तर को सही तरीके से माप नहीं पातीं – कई बार वे आपको “ओवरवर्क” समझ लेती हैं, जबकि आप असल में सिर्फ उत्साहित होते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि स्मार्टवॉच द्वारा दर्ज किए गए तनाव स्तर और प्रतिभागियों द्वारा खुद बताए गए तनाव स्तर के बीच लगभग कोई मेल नहीं था। थकान के आंकड़ों में हल्का सा संबंध देखा गया, जबकि नींद के मामले में मेल थोड़ा बेहतर रहा।

अध्ययन के लेखक ईको फ्रीड ने कहा – “स्मार्टवॉच और खुद बताए गए तनाव स्कोर का संबंध लगभग शून्य था।” उन्होंने बताया कि ऐसा होना आश्चर्यजनक नहीं है, क्योंकि घड़ी दिल की धड़कन मापती है, और दिल की धड़कन सिर्फ तनाव से नहीं, बल्कि खुशी, उत्साह या यौन उत्तेजना से भी तेज हो सकती है। उन्होंने उदाहरण दिया कि उनकी स्मार्ट वॉच ने उन्हें ‘तनावग्रस्त’ दिखाया, जबकि वे जिम में वर्कआउट कर रहे थे या शादी में किसी पुराने दोस्त से उत्साहित होकर बातें कर रहे थे। फ्रीड के मुताबिक, यह नतीजे यह सवाल उठाते हैं कि पहनने योग्य डिवाइस (wearables) हमें मानसिक स्थिति के बारे में क्या बता सकती हैं और क्या नहीं। उन्होंने कहा – “सावधान रहें, अपनी स्मार्टवॉच के आंकड़ों पर पूरी तरह न जिएं। ये उपभोक्ता उपकरण हैं, मेडिकल डिवाइस नहीं।”

फ़्रीड और उनकी टीम ने नीदरलैंड्स की लाइडेन यूनिवर्सिटी में 800 युवाओं पर तीन महीने तक शोध किया। उन्होंने स्मार्ट वॉच पहनाई और प्रतिभागियों से दिन में चार बार उनके तनाव, थकान और नींद के बारे में रिपोर्ट मांगी। फिर इन आंकड़ों की तुलना वॉच के डेटा से की गई।

मुख्य निष्कर्ष:

-किसी भी प्रतिभागी में वॉच का तनाव स्कोर, उनके खुद बताए गए तनाव के स्तर से मेल खाता हुआ कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं दिखा।
-25% प्रतिभागियों में वॉच ने उन्हें तनावग्रस्त बताया, जबकि वे खुद को तनावमुक्त महसूस कर रहे थे – और उल्टा भी हुआ।
-थकान (“बॉडी बैटरी” स्कोर) का मेल तनाव की तुलना में थोड़ा बेहतर था, लेकिन फिर भी कमजोर।
-नींद के मामले में मेल सबसे अच्छा रहा – खासकर नींद की अवधि के साथ। खराब नींद से अच्छी नींद में जाने पर वॉच ने औसतन 2 घंटे की नींद का अंतर दिखाया।

यह शोध डिप्रेशन के लिए शुरुआती चेतावनी प्रणाली विकसित करने की दिशा में किया जा रहा है, ताकि पहनने योग्य तकनीक से मिलने वाले डेटा के आधार पर लोग समय रहते इलाज ले सकें। मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता *मार्गरिटा पनायोटियू ने कहा – “वेयरेबल डेटा लोगों की भावनाओं और अनुभवों के बारे में उपयोगी जानकारी दे सकता है, लेकिन इसकी सीमाओं को समझना जरूरी है। यह जरूरी नहीं कि यह डेटा पूर्ण सत्य को दर्शाता हो, इसलिए इसे व्यक्ति की अपनी धारणा और जीवन के अनुभवों के साथ मिलाकर समझना चाहिए।”