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Rajasthan: 1 सितंबर से शुरू होगा विधानसभा का मानसून सत्र! सरकार इन बिल पर करवाएगी चर्चा; हंगामे के पूरे-पूरे आसार

Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा का आगामी मानसून सत्र 1 सितंबर से शुरू होने की संभावना है। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने इसकी जानकारी दी है।

Rajasthan Assembly
पत्रिका फाइल फोटो

Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा का आगामी मानसून सत्र 1 सितंबर से शुरू होने की संभावना है। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष के बीच चर्चा के बाद सत्र आहूत करने पर सहमति बन गई है। यह सत्र 7 से 10 दिन तक चल सकता है। सत्र की आधिकारिक अधिसूचना जल्द जारी की जाएगी।

बताया जा रहा है कि सरकार इस दौरान 10 से अधिक विधेयकों को पेश करने की तैयारी में है, जिनमें विधि विरुद्ध धर्मांतरण विधेयक विशेष रूप से चर्चा में रहेगा। इसके अलावा प्रदेश हित, विकास कार्यों और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी।

धर्मांतरण बिल पर हंगामे की आशंका

दरअसल, धर्मांतरण विधेयक का उद्देश्य बलपूर्वक, धोखे, लालच या विवाह के झांसे से होने वाले धर्म परिवर्तन को रोकना है। इस बिल में जबरन धर्म परिवर्तन को अपराध घोषित करने और कठोर सजा के प्रावधान शामिल हैं। पिछले बजट सत्र में 3 फरवरी को यह बिल पेश किया गया था, लेकिन चर्चा नहीं हो सकी थी।

अब मानसून सत्र में इसे पारित कराने की तैयारी है। संसदीय कार्य मंत्री ने संकेत दिए हैं कि सरकार इस बिल को प्राथमिकता देगी। हालांकि, विपक्ष के विरोध के कारण इस पर बहस और हंगामे की संभावना है।

पिछले अधूरे विधेयक भी होंगे पेश

पिछले बजट सत्र में चार विधेयक पेश किए गए थे, जिन्हें पारित नहीं किया जा सका। इनमें राजस्थान कोचिंग सेंटर रेगुलेशन बिल, राजस्थान भू राजस्व संशोधन विधेयक और राजस्थान भूजल प्राधिकरण विधेयक शामिल हैं, जो प्रवर समिति के पास विचाराधीन हैं। इनकी रिपोर्ट आने के बाद इन्हें सत्र में पारित कराने का प्रयास होगा। इसके अलावा सरकार नए विधेयकों को भी पेश करेगी, जिनकी रूपरेखा तैयार की जा रही है।

वहीं, सत्र के दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष के रिक्त पद को भरने पर भी फैसला हो सकता है। यह पद लंबे समय से खाली है, और सरकार इसे भरने के लिए विचार कर रही है। इस मुद्दे पर भी सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच सहमति या टकराव देखने को मिल सकता है।

यहां देखें वीडियो-


सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष

गौरतलब है कि विपक्ष इस सत्र में सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की योजना बना रहा है। झालावाड़ स्कूल हादसे को आधार बनाकर सरकारी स्कूलों की जर्जर स्थिति को प्रमुख मुद्दा बनाया जाएगा। इसके अलावा शिक्षा विभाग में पाठ्यक्रम परिवर्तन, सरिस्का टाइगर रिजर्व में खनन, बढ़ती महंगाई, बिजली-पानी की कमी, सड़कों की खराब स्थिति, चिकित्सा सेवाओं की बदहाली और कानून-व्यवस्था जैसे जनसरोकार के मुद्दों पर विपक्ष सरकार को कटघरे में खड़ा करेगा।

सत्र की समयसीमा और तैयारियां

संविधान के अनुसार, विधानसभा का सत्र छह महीने के भीतर बुलाना अनिवार्य है। पिछले बजट सत्र का समापन 24 मार्च को हुआ था, और सितंबर के अंत तक छह महीने की अवधि पूरी हो रही है। इसीलिए सरकार ने सत्र को समय से पहले बुलाने का निर्णय लिया है। संसदीय कार्य विभाग सत्र के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है, जिसे जल्द राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।