ग्वालियर . सावन के महीने में कांवडिय़ा द्वारा कई तरह की मन्नतें को पूरा किया जाता है। कुछ भक्त बदरवास से वैष्णोदेवी तक साइकिल से यात्रा करने गए। इन लोगों ने वैष्णोदेवी कटरा से वापस आते समय अपनी साइकिल नवयुग एक्सप्रेस में बुक करा दी। ग्वालियर में लगभग 35 के आसपास साइकिलों को एसएलआर कोच से उतारना थी। लेकिन जैसे ही ट्रेन रुकी तो कांवड़ियों ने एसएलआर कोच घेर लिया और अपनी अपनी साइकिल उतारने के लिए हंगामा शुरू कर दिया। दो मिनट के ठहराव में केवल 20 साइकिलें ही उतारी जा सकीं। बाकी साइकिलें झांसी में उतारी गईं और बाद में ग्वालियर भेज दी गईं। यह घटना एक अगस्त रात की है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तब यह मामला सामने आया।
जानकारी के अनुसार जम्मू कटरा से भोपाल की ओर जा रही नवयुग एक्सप्रेस के ग्वालियर में रुकते ही कांवडिय़ा ने अपनी साइकिल उतारने के लिए हंगामा शुरू कर दिया। एसएलआर कोच खुला तो गेट पर साइकिलों के अलावा दूसरा सामान भी रखा मिला। ट्रेन से साइकिल निकालने के लिए रेलवे कर्मचारियों ने प्रयास शुरू किया, लेकिन दो मिनट के ठहराव में लगभग 20 साइकिल ही उतर सकी। इस बीच ट्रेन ने सिग्नल दिया और ट्रेन चल दी। इसे देखते हुए कांवडि़यों ने हंगामा कर दिया। रेलवे कर्मचारियों द्वारा समझाया गया और ट्रेन में बची साइकिलों को झांसी में उतारा गया। अब यह साइकिलें सभी कांवड़ियों को दे दी गई है।
दो मिनट का ठहराव में सामान की आती है परेशानी
कोरोना के बाद से ही अधिकतम ट्रेनों का ठहराव दो मिनट का है। इन दो मिनट में कई बार यात्रियों का सामान ट्रेन से नहीं उतर पाता है और अगले स्टेशन पर सामान चला जाता है। ऐसे में यात्रियों को अक्सर इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है।
आरपीएफ और जीआरपी को नहीं पता
रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के साथ यात्रियों की देखरेख का काम आरपीएफ के साथ जीआरपी करती है। लेकिन इस घटना की जानकारी इन दोनों को ही नहीं है। जबकि ट्रेन आने के बाद दोनों ही विभागों के कर्मचारियों को मौके पर होना चाहिए।
इनका कहना है
नवयुग एक्सप्रेस का दो मिनट का ठहराव के कारण कांवड़ियों की कुछ साइकिल ग्वालियर में हीं उतर पाई थी। जिन्हें झांसी में उतारा गया है। झांसी से इन साइकिलों को ग्वालियर भेजा गया है।
मनोज कुमार सिंह, पीआरओ झांसी मंडल