MP News: केन्द्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग(8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दे दी है, जिसकी घोषणा जनवरी- 2025 में की गई थी। इस आयोग के गठन से लगभग 48 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और 57 लाख पेंशन भोगियों को लाभ होगा। आयोग की सिफारिशें 2026 तक आने की उम्मीद है और नए वेतनमान को 2026 के अंत तक लागू किया जा सकता है। ऐसे में एमपी के आउटसोर्स और संविदा कर्मचारियों को भी 8वें वेतन आयोग के दायरे शामिल करने की मांग की गई है।
ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स संघर्ष मोर्चे के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव और सह-संयोजक कृष्णगोपाल पुरोहित ने केन्द्र सरकार से अविलम्ब 8वें वेतन आयोग समिति गठित करने की मांग की है। उनकी मांग है कि आउटसोर्स और संविदा कर्मियों को भी 8वें वेतन आयोग के दायरे में शामिल किया जाए और उनकी वेतन वृद्धि की सिफारिश की जाए।
भार्गव का कहना है कि फिटमेंट फैक्टर न्याय संगत होना चाहिए और बढ़ती महंगाई को देखते हुए व्यावहारिक वेतन वृद्धि की जानी चाहिए। संभावित सिफारिशों के अनुसार, न्यूनतम वेतन 41,000 रुपए से 51,000 रुपए हो सकता है और फिटमेंट फैक्टर 2.85 से 3.0 तक बढ़ सकता है।
बता दें प्रदेश में लाखों अस्थायी आउटसोर्स कर्मचारी(Madhya Pradesh Outsourced Employees) विभिन्न विभागों में काम कर रहे हैं, जिनकी नौकरी की कोई सुरक्षा नहीं है न ही वेतन दिया जा रहा है। दिहाड़ी की तरह कर्मचारी काम कर रहे हैं। लंबे समय से कर्मचारियों की मांगों को लेकर आवाज उठा रहे हें। कर्मचारी लगातार सरकार के सामने अपनी मांगे रख रहे हैं लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। ऐसे में आउटसोर्स कर्मचारियों ने मांग पूरी न होने पर प्रदेशभर में बड़ें आंदोलन की चेतावनी दी है।
Published on:
03 Aug 2025 11:42 am