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चण्डीगढ़ हरियाणा

IPS अधिकारी की मौत में बड़ा खुलासा, DGP समेत 11 अफसरों पर गंभीर आरोप

अब इस मामले ने गंभीर रूप ले लिया है, क्योंकि पुरण कुमार का एक "फाइनल नोट" सामने आया है, जिसमें उन्होंने 11 सीनियर अफसरों पर प्रताड़ना और जातीय भेदभाव का आरोप लगाया था।

हरियाणा के सीनियर IPS अधिकारी वाई पुरण कुमार की मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। 7 अक्टूबर को उनका शव चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित उनके घर के बेसमेंट में मिला। मौत गोली लगने से हुई। शुरुआती जांच में इसे आत्महत्या माना जा रहा था। लेकिन अब इस मामले ने गंभीर रूप ले लिया है, क्योंकि पुरण कुमार का एक “फाइनल नोट” सामने आया है, जिसमें उन्होंने 11 सीनियर अफसरों पर प्रताड़ना और जातीय भेदभाव का आरोप लगाया था।

दरअसल वाई पुरण कुमार, 52 साल के थे जो 2001 बैच के IPS अधिकारी थे। उनकी पत्नी अमनीत पी. कुमार भी एक IAS अफसर हैं और हरियाणा सरकार के फॉरेन कोऑपरेशन डिपार्टमेंट की सेक्रेटरी हैं। जो कि हादसे के समय CM नायब सिंह सैनी के साथ जापान के सरकारी दौरे पर थी। मौत की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री ने तुरंत परिवार से संपर्क किया और अधिकारियों को उनके घर भेजा। वापस लौटने के बाद, पंचकूला में बीजेपी की बैठक में, मुख्यमंत्री ने दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी और इस पूरे मामले को “बहुत ही दुखद” और “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया। उन्होंने कहा कि चाहे कोई कितना भी प्रभावशाली हो, अगर दोषी पाया गया, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि निष्पक्ष और गहराई से जांच की जाएगी, परिवार को पूरा न्याय मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वो इस मामले को लेकर केंद्र सरकार के संपर्क में हैं।

इस बीच, वाई पुरण कुमार की पत्नी अमनीत और उनके परिवार ने मांग की थी कि जब तक FIR दर्ज नहीं होगी, वे ना पोस्टमार्टम करवाएंगे और ना ही अंतिम संस्कार करेंगे। इसके बाद, चंडीगढ़ पुलिस ने DGP शत्रुजीत सिंह कपूर और 10 अन्य अफसरों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में FIR दर्ज की है। FIR दर्ज होते ही, एक 6 सदस्यीय विशेष जांच टीम यानी SIT बनाई गई है। जिसका नेतृत्व चंडीगढ़ IG पुष्पेंद्र कुमार कर रहे हैं। टीम में SSP, SP, DSP और SHO जैसे अधिकारी शामिल हैं। SIT को निर्देश दिए गए हैं कि सबूत इकट्ठा करें, गवाहों से पूछताछ करें और जरूरी कानूनी सलाह लेकर समय-सीमा में रिपोर्ट तैयार करें।

बता दें कि वाई पुरण कुमार द्वारा छोड़े गए कथित सुसाइड नोट में जिन अफसरों के नाम हैं, उनमें हरियाणा DGP शत्रुजीत सिंह कपूर, ADGP अमिताभ ढिल्लों, संजय कुमार, IGP पंकज नैन, IPS अफसर कला रामचंद्रन, संदीप खिरवार, सिबाश कबीराज, पूर्व DGP मनोज यादव और पी.के. अग्रवाल, रोहतक SP नरेंद्र बिजारणिया और पूर्व मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद शामिल हैं। उन्होंने इन सभी पर मानसिक उत्पीड़न, अपमान और जातीय भेदभाव का आरोप लगाया है।

वहीं इस घटना ने सियासी हलकों में भी हलचल मचा दी है। कांग्रेस नेताओं रणदीप सुरजेवाला, दीपेंद्र हुड्डा और कुमारी शैलजा ने IPS अधिकारी के घर जाकर परिवार से मुलाकात की। आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, आजाद भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर, पूर्व पंजाब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और अन्य नेता भी परिवार से मिलने पहुंचे। हरियाणा के परिवहन मंत्री और बीजेपी नेता अनिल विज ने भी उनके घर जाकर श्रद्धांजलि दी है। इसके अलावा सोनिया गांधी ने IPS वाई पुरण कुमार की पत्नि को पत्र लिखकर सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया है। वहीं मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा है कि ऐसे संवेदनशील मामलों में किसी को भी राजनीति नहीं करनी चाहिए। सरकार का मकसद सिर्फ और सिर्फ न्याय दिलाना है। अब सबकी नजरें SIT की जांच पर टिकी हैं। लेकिन सवाल ये हैं कि क्या वाई पुरण कुमार को न्याय मिलेगा? या जिन लोगों पर गंभीर आरोप लगे हैं, क्या वे सही माइनों में दोषी हैं? ये तो जांच के बाद ही साफ होगा।