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IPS पूरन कुमार आत्महत्या मामला: जांच के लिए 6 सदस्यीय SIT का गठन, ये अफसर करेगा लीड

IPS Y Puran Kumar Death Mystery: हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार के सुसाइड मामले में विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया है। टीम का नेतृत्व चंडीगढ़ के आईजी पुष्पेंद्र कुमार करेंगे।

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IPS Y Puran Kumar Death Mystery

IPS पूरन कुमार आत्महत्या मामला (Photo-IANS)

IPS Suicide Case: हरियाणा के IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार के सुसाइड मामले में पुलिस ने बड़ा कदम उठाते हुए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है। इस जांच टीम को चंडीगढ़ के आईजी पुष्पेंद्र कुमार लीड करने जा रहे है। इस टीम में उनके अलावा पांच आईपीएस और सीपीएस अधिकारियों भी शामिल है। इस एसआईटी में शामिल अन्य सदस्यों में चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप सिंह, एसपी सिटी केएम प्रियंका, डीएसपी (ट्रैफिक) चरणजीत सिंह विर्क, एसडीपीओ (साउथ) गुरजीत कौर और एसएचओ (पश्चिम) जयवीर सिंह राणा को शामिल किया गया है। चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सागर प्रीत ने शुक्रवार को एसआईटी गठन के संबंध में आदेश जारी किया है।

इन धाराओं में दर्ज किया गया केस

डीजीपी सागर प्रीत ने अपने आदेश में कहा कि एफआईआर संख्या 156/2025, धारा 108/3(5) बीएनएस और 3(1)(आर) एससी/एसटी (पीओए) अधिनियम, 2013 के तहत पुलिस स्टेशन सेक्टर-11 (पश्चिम), चंडीगढ़ में आरोपों की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए आईजीपी, चंडीगढ़ की देखरेख में मामले की त्वरित, निष्पक्ष और गहन जांच करने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का तत्काल प्रभाव से गठन किया जाता है।

सभी पहलुओं की समयबद्ध तरीके से होगी जांच

आदेश के अनुसार, एसआईटी मामले में सभी पहलुओं की समयबद्ध तरीके से जांच करेगी, जिसमें साक्ष्य जुटाना, गवाहों से पूछताछ, विशेषज्ञों की राय और कानूनी सलाह जैसे विषय शामिल हैं। जांच पूरी होने पर एसआईटी अंतिम रिपोर्ट तैयार करेगी। आदेश में यह भी बताया गया है कि एसआईटी जरूरत के अनुसार अन्य अधिकारियों और विशेषज्ञों को भी शामिल कर सकती है।

चंडीगढ़ आवास पर मृतक मिले थे वाई पूरन कुमार

आपको बता दें कि 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी, पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) वाई पूरन कुमार चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर मृत पाए गए थे। चंडीगढ़ पुलिस ने बताया कि उन्होंने अपनी सर्विस पिस्टल से खुद को गोली मारी ली थी। इसके बाद मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी। जान देने से पहले आईपीएस अधिकारी ने 9 पन्नों का एक 'सुसाइड नोट' लिखा था। इसमें 15 सेवारत और पूर्व अधिकारियों के नाम हैं।

सुसाइड नोट के आधार पर नामजद लोगों के खिलाफ एफआईआर

मामले को गंभीरता से लेते हुए चंडीगढ़ पुलिस ने उनके 'सुसाइड नोट' में नामजद लोगों के खिलाफ सेक्टर 11 पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की। इस मामले पर राजनीति भी जारी है। कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला, तो आप कल्पना कर सकते हैं कि भाजपा सरकार के तहत किसे न्याय मिलेगा। एक अधिकारी, जिसने बार-बार न्याय मांगा, लेकिन उसे इनकार कर दिया गया। शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के सांसद मालविंदर सिंह कंग चंडीगढ़ में परिवार से मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह मौत अपने आप में कई सवाल खड़े करती है।