Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भारत

अब ट्रेनों में सस्ता मिलेगा पानी, भारतीय रेलवे ने किया बड़ा ऐलान

रेलवे में मिलने वाला पैक्ड वॉटर यानी प्लास्टिक की बोतल में मिलने वाला पानी अब और सस्ता हो गया है। रेल मंत्रालय ने जानकारी दी है कि जीएसटी कम होने का सीधा फायदा अब यात्रियों को भी मिलेगा। इसी वजह से रेल नीर की कीमतों में कटौती की गई है।

भारत

image

Pankaj Meghwal

Sep 20, 2025

रेलवे में मिलने वाला पैक्ड वॉटर यानी प्लास्टिक की बोतल में मिलने वाला पानी अब और सस्ता हो गया है। रेल मंत्रालय ने जानकारी दी है कि जीएसटी कम होने का सीधा फायदा अब यात्रियों को भी मिलेगा। इसी वजह से रेल नीर की कीमतों में कटौती की गई है।

रेल मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक आदेश के मुताबिक अब एक लीटर पानी की बोतल की कीमत 15 रुपये से घटाकर 14 रुपये कर दी गई है। वहीं आधा लीटर की बोतल अब 10 रुपये के बजाय सिर्फ 9 रुपये में मिलेगी। रेल नीर भारतीय रेलवे का खुद का ब्रांड है। इसकी शुरुआत साल 2003 में की गई थी। उस समय रेलवे स्टेशनों पर घटिया क्वालिटी का पानी बेचा जा रहा था। इसी को रोकने के लिए रेल नीर की शुरुआत की गई थी, ताकि यात्रियों को साफ, सुरक्षित और भरोसेमंद पानी मिल सके।रेल नीर का उत्पादन और वितरण रेलवे की सरकारी कंपनी आईआरसीटीसी यानी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन करती है। रेलवे बोर्ड के नए आदेश, सर्कुलर नंबर 18/2025 में कहा गया है, कि अब रेल नीर के अलावा रेलवे द्वारा स्वीकृत अन्य पैक्ड पानी भी सस्ते दाम पर मिलेंगे। ये नई कीमतें 22 सितंबर 2025 से पूरे देश में लागू हो जाएंगी। यानी इस तारीख के बाद जो भी यात्री ट्रेन में सफर करेंगे, उन्हें स्टेशनों और ट्रेनों में पानी की बोतलें सस्ते दाम में मिलेंगी।

बता दें कि आईआरसीटीसी चार मुख्य तरीकों से कमाई करती है – खानपान, रेल नीर, इंटरनेट टिकटिंग और पर्यटन। इन चारों में से सबसे ज़्यादा कमाई रेल नीर से ही होती है। साल 2025 की चौथी तिमाही, यानी जनवरी से मार्च के बीच, सिर्फ पानी बेचकर कंपनी ने 96 करोड़ रुपये की कमाई की थी। इसके बाद जून 2025 में खत्म हुई तिमाही के आंकड़े जारी किए गए। इस दौरान कंपनी की कुल कमाई 11.8% बढ़कर 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले साल इसी समय 1 लाख 11 हजार करोड़ रुपये थी। इस ग्रोथ में खानपान, रेल नीर, इंटरनेट टिकटिंग और पर्यटन – सभी का योगदान रहा। हालांकि इंटरनेट टिकटिंग अभी भी कंपनी का सबसे बड़ा कमाई का जरिया बना हुआ है।

इस फैसले के पीछे रेलवे का उद्देश्य है कि यात्रियों का खर्च कम हो, गर्मियों के मौसम में उन्हें राहत मिले ताकि उनका सफर आसान बना रहे। खासकर लंबे सफर के दौरान, जहां बार-बार पानी लेना जरूरी होता है, वहां यह बदलाव काफी फायदेमंद साबित होगा। कुल मिलाकर, रेलवे का यह फैसला यात्रियों के लिए राहत लेकर आया है। अब साफ, सुरक्षित और सस्ता पानी ट्रेनों और स्टेशनों पर मिल सकेगा।