– सुरक्षा में 80 से अधिक जवान रहे तैनात, सीसीटीवी से रखी नजर
बस्सी (बांसखोह) @ पत्रिका. क्षेत्र के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल नईनाथ धाम पर गत दिवस को कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का लक्खी मेला भरा। मेले के दौरान बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं ने भोले के दरबार में हाजिरी लगाकर मनोकामना मांगी। रामनिवास बाग के कर्मचारियों की ओर से भगवान भोलेनाथ की मनोहारी फूल बंगला व छप्पन भोग की भी झांकी सजाई गई। मेले के दौरान मंदिर परिसर से 2 किमी दूर गणेश मोड़ एवं बोड्या पर ही वाहनों को रोक दिया गया। यहां से पैदल ही श्रद्धालु जयकारे लगाते हुए भोले के दरबार में पहुंचे।
मेले में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बस्सी एसीपी विनय कुमार, तूंगा एवं बस्सी थानाधिकारी सहित मेले में 80 पुलिसकर्मियों का जाप्ता मौजूद रहा। मेले के दौरान करीब 2 लाख श्रद्धालुओं ने भोले बाबा के दरबार में दर्शन कर मनोकामना मांगी। ट्रस्ट अध्यक्ष रामनारायण मीना ने बताया कि रविवार से ही श्रद्धालु यहां पहुंच रहे थे। 4 दिन में 4 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भोले बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई।
14 स्थानों पर लगाए कैमरे
मेले के दौरान असामाजिक तत्वों पर निगरानी रखने के लिए मंदिर परिसर में 14 अलग-अलग स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से मेले की व्यवस्थाओं पर निगरानी रखी। मेले के दौरान नईनाथ सेवा ट्रस्ट अध्यक्ष रामनारायण मीना, उपाध्यक्ष पूर्व प्रधान बजरंगलाल बोहरा, बाबूलाल मीना दौसा, मंत्री सीताराम पंचोली, सदस्य मंगलनाथ, रामरतन शर्मा, रामनारायण लालपुरा, रामजीलाल प्रजापति, रायसिंह गुर्जर, मंदिर पुजारी कल्याणनाथ योगी आदि मौजूद रहे।
एसडीएम ने भी लिया जायजा
नव पदस्थापित बस्सी उपखंड अधिकारी गरिमा शर्मा ने भी मेले के दौरान मंदिर पहुंचकर मेला व्यवस्था का जायाजा लिया। इस दौरान पुलिस प्रशासन एवं नईनाथ सेवा ट्रस्ट से भी मेले की व्यवस्थाओं को लेकर जानकारी ली।
कई जिलों एवं प्रदेशों से भी आते हैं लोग
नईनाथ धाम मेले के दौरान जयपुर सहित दौसा, करौली, सवाईमाधोपुर, टोंक, अलवर, भरतपुर, दिल्ली,एमपी, बिहार, यूपी से भी श्रद्धालु बड़ी तादाद में भोले के दरबार में हाजिर लगाने आते हैं। श्रद्धालु कनक दंडवत, पदयात्रा एवं कावड़ यात्राओं के माध्यम से भोले के दरबार में पहुंचे।
गुदड़ी का मेला आयाजित हुआ
नईनाथ धाम पर लक्खी मेले के दूसरे दिन गुरुवार बांसखोह कस्बे में गुदड़ी का मेला भरता है। जिसमें कस्बे सहित आसपास के गांवों की महिलाएं घरेलू सामान सहित अन्य सौंदर्य प्रसाधन की वस्तुएं एवं बच्चों के लिए खिलौने खरीददारी की।