6 अगस्त 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

तेज रफ्तार डंपर ने महिला को कुचला, मौके पर ही मौत, डॉक्टर को दिखाकर वापस लौट रही थी घर

प्रागपुरा थाना क्षेत्र के बुचारा गांव में डंपर की चपेट में आने से एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई। जानकारी अनुसार लक्ष्मी देवी (48) पत्नी प्रहलाद अपने भतीजे अजय के साथ बाइक पर पावटा से डॉक्टर को दिखाकर वापस घर लौट रही थी।

फोटो पत्रिका

पावटा। प्रागपुरा थाना क्षेत्र के बुचारा गांव में डंपर की चपेट में आने से एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई। जानकारी अनुसार लक्ष्मी देवी (48) पत्नी प्रहलाद अपने भतीजे अजय के साथ बाइक पर पावटा से डॉक्टर को दिखाकर वापस घर लौट रही थी, तभी कालीबाय के पास एक क्रशर के डंपर ने उन्हें रौंद दिया।

जानकारी अनुसार सोमवार दोपहर करीब 12 बजे हुई घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। डंपर चालक मौके से फरार हो गया, जबकि आसपास के ग्रामीणों और परिजनों की भीड़ जमा हो गई। महिला की मौत की खबर सुनते ही परिजन और ग्रामीण आक्रोशित हो गए और शव को लेकर सड़क पर धरना शुरू कर दिया। उन्होंने सड़क जाम करते हुए क्रशर और डंपर मालिक को मौके पर बुलाने, मृतक के परिजनों को मुआवजा देने और क्षेत्र में ओवरलोड वाहनों पर लगाम लगाने की मांग की।

सूचना मिलते ही पावटा तहसीलदार संजय खेदड़ और प्रागपुरा थाना प्रभारी किरण सिंह मय जाप्ता मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे मांगों पर अड़े रहे। ओमप्रकाश गुर्जर, ओपी बायला और किशनलाल मीणा सहित कई लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस-प्रशासन ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, जिसके कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं।

आश्वासन पर माने

करीब चार घंटे तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद, तहसीलदार और थाना प्रभारी ने डंपर चालक पर सख्त कार्रवाई और क्रशर मालिक से मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजन और ग्रामीण धरना समाप्त करने पर राजी हुए और शव को पोस्टमार्टम के लिए उपजिला अस्पताल भेजा गया। पुलिस ने दुर्घटना करने वाले ट्रेलर को जब्त कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

प्रशासन की अनदेखी से बढ़ रहे हादसे, नियम ताक पर

ग्रामीणों ने कहा कि यह स्थिति तब है जब पिछले कुछ महीनों में इस क्षेत्र में कई गंभीर हादसे हो चुके हैं। इसके बावजूद प्रशासन और पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। नियमों के अनुसार, किसी भी वाहन में क्षमता से अधिक भार नहीं लादा जाना चाहिए, लेकिन यहां इस नियम की अनदेखी हो रही है। ओवरलोड वाहन न सिर्फ आम जनता के लिए खतरा बन रहे हैं, बल्कि सड़कों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।