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राजस्थान: बारिश में इस रोग का कहर, 9 दिनों में आए 1276 मरीज, अस्पताल में बढ़ी मरीजों की संख्या

कानोता कस्बा सहित आसपास के क्षेत्र में इन दिनों चमड़ी रोग तेजी से फैल रहा है, जिससे आमजन खासे परेशान हैं। यह बीमारी खासकर बगराना, विजयमुकुंदपुरा और ढूंढ़ नदी किनारे बसे गांवों के लोगों में अधिक फैल रही है।

Skin disease
फोटो पत्रिका

कानोता कस्बा सहित आसपास के क्षेत्र में इन दिनों चमड़ी रोग तेजी से फैल रहा है, जिससे आमजन खासे परेशान हैं। यह बीमारी खासकर बगराना, विजयमुकुंदपुरा और ढूंढ़ नदी किनारे बसे गांवों के लोगों में अधिक फैल रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि बारिश में चमड़ी रोग तेजी से बढ़ रहा है। इन दिनों सफेद रंग के मच्छरों की संख्या बहुत अधिक बढ़ गई है।

मच्छरों के काटने से पहले फुंसी निकलती है, फिर उसमें तेज खुजली के बाद निकला तरल पदार्थ आसपास फैल जाता है, जिससे अन्य हिस्सों में भी फुंसियां हो जाती हैं। कुछ मामलों में फुंसी की जगह पर गहरा घाव भी बन जाता है। इस बीमारी को लेकर अस्पताल में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है। कानोता पीएचसी के डीईओ खैरू लाल मीना के अनुसार गत दिनों अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। 70 प्रतिशत मरीज चमड़ी से संबंधित (खुजली) रोग के है।

फॉगिंग और चिकित्सा शिविर की मांग

आसपास के गांवों के निवासियों ने स्वास्थ्य विभाग और नगर पालिका प्रशासन से गांवों में नियमित फॉगिंग करवाने, मच्छरनाशक दवाओं का छिड़काव और मोबाइल मेडिकल टीम भेजकर चिकित्सा शिविर लगाए जाने की मांग की है।

पीएचसी पर मरीजों की होड़

कानोता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इस रोग से संबंधित रोजाना सैकड़ों मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। पीएचसी में गत 9 दिनों में चमड़ी रोग के 1276 मरीजा आ चुके है। चिकित्सकों के अनुसार, यह संक्रामक प्रकार का त्वचा रोग है, जो गंदगी और मच्छरों के प्रकोप से फैल रहा है। स्वास्थ्यकर्मी बताते हैं कि कई मरीजों में बैक्टीरियल स्किन इन्फेक्शन है जो रात के समय में मच्छर के काटने से हो रहा है।

प्रशासन की चुप्पी चिंता का विषय

स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन और जनस्वास्थ्य विभाग इस स्थिति को गंभीरता से नहीं ले रहे। कई बार शिकायत देने के बाद भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह रोग महामारी का रूप ले सकती है।

बीमारी फैलने का संभावित कारण

ग्रामीणों ने बताया कि जब से कानोता बांध से ढूंढ़ नदी में पानी छोड़ा गया है और कई दिनों तक पानी नदी में इकट्ठा रहा है, तब से मच्छरों की संख्या में वृद्धि हुई है। नदी के किनारे पानी के ठहराव और जलभराव के कारण मच्छरों के पनपने के लिए उपयुक्त वातावरण बन गया है। मच्छरों की बड़ी संख्या गांवों के पास फैल रही हैं। मच्छरों के काटने से लोग बीमार हो रहे है।

मच्छर के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कस्बे में फॉगिंग शुरू करवा दी गई है।
मंजू देवी, अध्यक्ष, नगर पालिका कानोता