फुलवरिया, फोरलेन के धंसे एप्रोच मार्ग की व रेलिंग की मरम्मत शूरू
वाराणसी. निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर सख्त योगी आदित्यनाथ सरकार के रुख को जानते हुए भी कार्यदायी संस्थाओं की कार्यशैली में परिवर्तन नहीं हो रहा। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में ही इस तरह की घटना सामने आई है जिसमें एक फोरलेन सड़क ही धंस गई। लेकिन इसकी जानकारी होते ही लोक निर्माण मंत्री ने विभाग के दो इंजीनियरो को निलंबित कर दिया है। साथ ही निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा होने के मामले की जांच भी शुरू करा दी है।
फुलवरिया फोर लेन का एप्रोच मार्ग धंसा, दो अभियंता निलंबित
बता दें कि वाराणसी में पिछले आठ साल से विकास कार्यों को गति दी जा रही है। इसमें 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार आने के बाद से काफी तेजी भी आई है। इसी के तहत फुलवरिया-लहरतारा फोरलेन का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया और अब ये प्रोजेक्ट लगभग पूरा भी हो चला है। लेकिन इसी प्रोजेक्ट के अंतर्गत वरुणा नदी पर निर्मित पुल की एप्रोच रोड धंस गई। इसकी जानकारी होते ही लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने इसे काफी गंभीरता से लिया और विभाग के सहायक व अवर अभियंता क्रमशः ज्ञानेंद्र वर्मा व राजेश कुमार को निलंबित कर दिया।
जांच समिति गठित
साथ ही निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर खड़े हुए प्रश्न चिह्न को गंभीरता से लेते हुए जांच समिति गठित कर दी। उन्हों ने तीन सदस्यीय जांच समिति से सप्ताह भर में रिपोर्ट भी तलब की है। फिलहाल एप्रोच मार्ग का मरम्मत कार्य आरंभ करा दिया गया है।
बीजेपी नेता ने उठाया था मामला
वाराणसी के लवरिया-लहरतारा फोरलेन के निर्माण कार्य में शुक्रवार की रात बड़ी लापरवाही उजागर हुई थी। पता चला कि वरुणा नदी पर बने पुल का एप्रोच रोड में कई जगह दरार आ गई। इसकी जानकारी फुलवरिया क्षेत्र के कुम्हारपुरा इलाका निवासी भारतीय जनता पार्टी के मंडल प्रभारी अजय वर्मा ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवालिया निशान खड़ा किया। साथ ही निर्माण कार्य से जुड़े अभियंताओं के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। भाजपा नेता ने लोक निर्माण विभाग और सेतु निगम के काम पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए स्थानीय प्रशासन से निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच करा कर दोषी लोगों को दंडित करने की मांग की थी। भाजपा नेता के इस रुख के बाद लोक निर्माण विभाग के मंत्री ने इसे गंभीरता से लिया और तत्काल विभागीय अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी।
मुख्य परियोजना प्रबंधक ने की जांच
इस संबंध में सेतु निगम के प्रबंध निदेश संजीव भारद्वाज के मुताबिक मामले की जांच परियोजना प्रबंधक दीपक गोविल से कराई गई। प्रारंभिक जांच में पता चला कि मिट्टी की कटाई मानक के अनुसार न होने के चलते एप्रोच मार्ग पर दरार पड़ी। इससे सिक्योरिटी के लिए लगाई गई रेलिंग क्षतिग्रस्त हो गई। प्रबंध निदेशक के अनुसार इस मामले में निर्माण कार्य से जुड़े सहायक व अवर अभियंता को दोषी मानते हुए उन्हें निलंबित किया गया है।
Published on:
28 Aug 2022 12:27 pm
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