फोटो सोर्स: सोशल मीडिया, एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा
वाराणसी में एंटी करप्शन टीम ने कारवाई करते हुए एक लेडी इंस्पेक्टर और उसकी सहयोगी लेडी कांस्टेबल को गिरफ्तार कर किया है, इस दौरान थाने पर काफी देर तक अफरा तफरी मची रही। सूत्रों के मुताबिक लेडी इंस्पेक्टर दस हजारी की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोची गई है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब यह कारवाई हुई तब इंस्पेक्टर ने एंटी करप्शन टीम को अदब में लेने की कोशिश की लेकिन उसकी रौबबाजी काम न आई और टीम उसे खींचकर गाड़ी में बैठाई और कैंट थाने लगाई। इस चैनल में एक लेडी कांस्टेबल भी शामिल थी, टीम ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार महिला इंस्पेक्टर का नाम सुमित्रा देवी निवासी प्रयागराज है, इसकी ज्वाइनिंग दरोगा पद पर 2010 में हुई थी।
एंटी करप्शन विभाग में शिकायत करने वाले मेराज ने 6बताया कि उसके छोटे भाई की पत्नी रुकसार ने 26 अगस्त को मेराज और उसके परिवार के 13 सदस्यों पर मुकदमा दर्ज कराया था। 2 दिन बाद यानी 28 सितंबर को इंस्पेक्टर सुमित्रा देवी घर पर आई थीं और उसे जेल भेजने की धमकी दी। दस अक्टूबर को मेराज लेडी इंस्पेक्टर से मिल कर खुद को निर्दोष बताया
इस पर उन्होंने कहा मुकदमे से तुम्हारा नाम निकल जाएगा, इसके लिए बीस हजार लेकिन 20 हजार रुपए देने होंगे। 16 अक्टूबर पीड़ित मेराज वाराणसी के एंटी करप्शन कार्यालय पहुंचा और उन्हें पूरी जानकारी दी। टीम ने अपनी फिल्डिंग तैयार कर ली, और तय प्रोग्राम के मुताबिक पीड़ित थाने जाकर लेडी इंस्पेक्टर से मिला तो उन्होंने तय रकम दस हजार रुपए महिला सिपाही अर्चना राय को देने को कहा और नाम निकालने की बात कही गई। जैसे ही पीड़ित ने महिला सिपाही को 10 हजार रुपए दिए। वैसे ही करप्शन टीम ने दोनों को रंगे हाथों पकड़ लिया। 2 सितंबर 2021 को लखनऊ से वाराणसी ट्रांसफर किया गया था। इसके बाद से वह वाराणसी महिला थाने की प्रभारी निरीक्षक की जिम्मेदारी संभाल रही थी।
Updated on:
17 Oct 2025 09:47 pm
Published on:
17 Oct 2025 09:43 pm
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