
गोगुंदा (उदयपुर). रोडवेज डिपो उदयपुर से जोधपुर के लिए निकली बस जंगल में खराब हो गई। बस में महिलाओं सहित 25 यात्री सवार थे, जिनको जंगल में ही रात गुजरानी पड़ी। चालक-परिचालक रातभर मदद मांगते रहे, लेकिन उदयपुर से लेकर जयपुर तक, कहीं से मदद नहीं मिली। घटनाक्रम 3 जुलाई का है, लेकिन रोडवेज प्रबंधन ने मामले पर पूरी तरह से पर्दा डाल दिया। आखिर सोमवार को एक यात्री ने आपबीती राजस्थान पत्रिका को बताई तो खुलासा हुआ।उदयपुर-जोधपुर बस उदयपुर डिपो से रात 10 बजे रवाना हुई थी, जो 11 बजे जसवंतगढ़ मोकेला के सुनसान जगह खराब हो गई। चालक ने काफी मशक्कत की, लेकिन बस नहीं चल पाई। स्थान से दोनों ओर दूर-दूर तक आबादी नहीं, बल्की वन क्षेत्र था। चालक कालूङ्क्षसह और परिचालक राजेश ङ्क्षसह रातभर जयपुर कंट्रोल रूम और उदयपुर डिपो पर संपर्क करते रहे, लेकिन कहीं से राहत नहीं मिल पाई। किसी ने कॉल रिसीव नहीं किया। डिपो के मैकेनिक ने कॉल रिसीव किया, लेकिन उसने भी उच्चाधिकारियों से संपर्क करने की बात कहकर पल्ला झाड़ दिया। इसके बाद मैकेनिक ने भी कॉल रिसीव करना बंद कर दिया।
वन्यजीवों का रहा खतरा
वन क्षेत्र होने से महिलाएं और बच्चे बस में रातभर भयभीत होते रहे। सुनसान जगह लूट की आशंका में यात्रियों ने जेवर और कीमती सामान निकालकर सीटों के नीचे छिपा दिया। सुबह होने तक बस के खिड़की दरवाजे बंद रखे। अगले दिन सुबह 6 बजे उदयपुर से जोधपुर जाने वाली दूसरी बस आई तो यात्रियों को रवाना किया जा सका।
इनका कहना है…
&घटना की जानकारी मिलते ही एमओ और वर्कशॉप इंचार्ज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। उन्होंने अभी तक जवाब नहीं दिया है। जवाब नहीं आने पर उन्हें जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।
हेमंत शर्मा, मुख्य प्रबंधक
Published on:
08 Jul 2025 01:56 am
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