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उदयपुर जिले में शिक्षकों के 1,225 से अधिक पद रिक्त, अगले महीने तक पाठ्यक्रम पूरा कराना बना चुनौती

Udaipur teacher vacancy: उदयपुर जिले में 1,225 से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं, जिनमें सबसे अधिक कमी विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषयों में है। कई विद्यालयों में एक ही शिक्षक को तीन कक्षाओं की पढ़ाई करवानी पड़ रही है।

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Udaipur teacher vacancy

शिक्षकों के 1,225 से अधिक पद रिक्त (फोटो- पत्रिका)

Udaipur teacher vacancy: उदयपुर जिले के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी शिक्षा विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। विभाग ने 15 नवंबर तक सभी विद्यालयों में पाठ्यक्रम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। लेकिन शिक्षकों की कमी से यह लक्ष्य अधूरा दिख रहा है।


बता दें कि उदयपुर में 1,225 से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं, जिनमें सबसे अधिक कमी विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषयों में है। कई विद्यालयों में एक ही शिक्षक को तीन कक्षाओं की पढ़ाई करवानी पड़ रही है। जिले में तृतीय श्रेणी अध्यापकों के 600, व्याख्याताओं के 450 और प्राचार्य के 175 पद काफी समय से रिक्त पड़े हैं।


बीते सत्र में 30 फीसदी स्कूलों में पूरा नहीं हुआ पाठ्यक्रम


ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों की मॉनिटरिंग नहीं हुई है। कई स्कूलों में प्रधानाध्यापक सभी विषयों की कक्षाएं ले रहे हैं। कई जगह शिक्षकों की अनियमितता से पढ़ाई बाधित होती है। बीते सत्र में गोगुंदा, झाड़ोल, कोटड़ा ब्लॉक के 30 फीसदी स्कूल वार्षिक परीक्षा तक पाठ्यक्रम पूरा नहीं करा पाए थे।


रिवीजन मॉडल होगा प्रभावित


राज्य के शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों की सीखने की स्थिति सुधारने के लिए रिवीजन मॉडल लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत प्रत्येक विद्यालय को 15 नवंबर तक पाठ्यक्रम पूरा कराने के बाद रिवीजन मॉडल पर फोकस करना है, जिससे बुनियादी समझ मजबूत की जा सके। कमजोर विषयों में अपने प्रदर्शन को सुधार सकें। शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में इस मॉडल को लागू करना चुनौती पूर्ण रहेगा।


इनका कहना है…


पाठ्यक्रम पूरा कराने कार्य सुचारू है। रिवीजन मॉडल के लिए प्लान तैयार कर लिया गया है। शिक्षकों की नियुक्ति करना सरकार के अधिकार क्षेत्र में है।
-चंद्रशेखर जोशी, डीईओ, उदयपुर


विद्यार्थियों की संख्या अनुपात के आधार पर शिक्षक नियुक्त किए जाएं। शहरी क्षेत्र में कई स्कूलों में 20 से 25 विद्यार्थियों के लिए 4 शिक्षक लगाए हुए हैं। गांव के कई स्कूलों में 1 से 2 शिक्षकों पर ही पूरे स्कूल की जिम्मेदारी है।
-भैरूलाल, प्रदेश संगठन मंत्री, पंचायतीराज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ