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यह संग्रहालय 1982 में ताज महल परिसर के भीतर पश्‍चिमी नौबत खाना में बना। जिसे जल महल के नाम से भी जाना जाता है। भूतल में स्‍थापित किया गया था। यह एक दो-मंजिला इमारत है जिसमें बाहर की ओर एक चौकोर उभार है और यह एक ऊंचे चबूतरे पर बनी हुर्इ है। इस संग्रहालय में मुख्‍य कक्ष के अतिरिक्‍त तीन दीर्घाएं हैं और इसमें अधिकतर ताजमहल के निर्माण और इसके निर्माताओं की अवधि से जुड़ी अनेक दर्शनीय वस्‍तुएं प्रदर्शित की गई हैं। कुल मिलाकर 121 पुरावशेष प्रदर्शित किए गए हैं। जिन्‍हें व्‍यापक रूप से मुगल लघुचित्रों, पांडुलिपियों, सरकारी आज्ञब्‍तियां (डिक्री), सुलेख-कला के नमूने, शस्‍त्र, बर्तन, ताज परिसर की योजना और रेखाचित्र, चित्र, नमूना कलमकारी, संगमरमर के स्‍तंभ इत्‍यादि के रूप में श्रेणीबद्ध किया गया है। मुख्‍य कक्ष में एक आलंकारिक लकड़ी के फ्रेम में हाथी-दांत पर बनी शाहजहां और उसकी सर्वाधिक प्रिय पत्‍नी मुमताज महल की तस्‍वीरें और सिक्‍के की प्रतिकृतियां प्रदर्शित हैं, जिन पर अकबराबाद (आगरा) गढ़ा हुआ है।