समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व कद्दावर नेता रामजी लाल सुमन 2014 में भी हाथरस सीट से लोकसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन सफलता नहीं मिली और वे तीसरे नंबर पर रह गए थे। रामजी लाल सुमन का राजनीतिक कॅरियर काफी उतार चढ़ाव वाला रहा है, लेकिन उनके मजबूत इरादों को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने उन पर हमेशा भरोसा दिखाया है। एक समय ऐसा भी आया था जब रामजी लाल सुमन तीन बार समाजवादी टिकट पर फिरोजाबाद सीट से चुनाव लड़कर हार गए थे। लेकिन फिर भी तत्कालीन सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह का उन पर भरोसा कायम रहा और उन्होंने लोगों से कहा कि मैं भी देखता हूं कि फिरोजाबाद की जनता रामजी लाल सुमन को कब तक हराती रहेगी। मुलायम के इस भाषण के बाद रामजी लाल सुमन को 1999 में जीत हासिल हुई थी। सुमन वर्ष 1977 में भारतीय लोकदल से फिरोजाबाद से सांसद निर्वाचित हुए थे। उस समय वे मात्र 26 वर्ष के थे। उसके बाद वह 1989 में जनता दल से जीतकर संसद में पहुंचे। 1989 का चुनाव जीतने के बाद वे 1991 का चुनाव समाजवादी पार्टी से लड़े, लेकिन हार गए। 1996 में सपा ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताया लेकिन वे फिर से हार गए। 1998 में सपा ने तीसरी बार उन पर दांव लगाया लेकिन इस बार भी सफलता नहीं मिली। इसके बाद वे 1999 व 2004 में फिरोजाबाद से ही सपा से सांसद चुने गए। सुमन चंद्रशेखर की सरकार में श्रम और कल्याण मंत्री भी रहे। वर्ष 2014 में वे हाथरस सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन मोदी लहर उन पर भारी पड़ी और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।