आगरा। राधा कुंड गोवर्धन की महिमा न्यारी है, कहा जाता है इस कुंड में अगर नि:संतान दंपति, एक साथ स्नान करें तो उनके घर बच्चे की किलकारी गूंज सकती है। यहां महिलायें अपने केश खोलकर राधा जी से संतान का वरदान मांगती हैं। दंतकथा के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण ने एक सांढ़ के रूप में आया भीमकाय दानव का वध किया था, तब राधा ने उन्हें कई पवित्र नदियों में स्नान कर अपने पाप को धोने को कहा। कृष्ण इस विनती को सुनकर हंसे और जिस जगह पर खड़े थे वहां पर ज़ोर से पैर पटका। राधा द्वारा बताई गई सारी नदियां, वहां उत्पन्न हुईं और वहां पर कुंड बन गया। भगवान कृष्ण ने स्नान किया और इस कुंड को श्याम कुंड भी कहते हैं। कृष्ण के इस तरह के शक्ति प्रदर्शन से राधा क्रोधित हो गयीं। उन्होंने अपनी सहेली गोपियों के साथ मिलकर अपनी चूड़ियों की मदद से एक गड्ढा खोदा और उसमें मानसी गंगा का पानी भर दिया। इस तरह गोवर्धन के पास एक विशाल झील राधा कुंड का निर्माण हुआ। गोवर्धन से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह कुंड काफी श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता है।