मुरादाबाद शहर में कोर्ट रोड स्थित प्राचीन दुर्गा मंदिर भी आस्था का बड़ा केंद्र है। गुरहट्टी चौराहे से चंद कदमों की दूरी पर इस मंदिर से घंटे-घडि़यालों और आरती की आवाज पूरे बाजार का माहौल बदल देती है। नवरात्र में यहां तड़के सुबह से ही मां की पूजा-अर्चना के लिए लोग उमड़ पड़ते हैं। <strong>हर मन्‍नत होती है पूरी</strong> पुजारी पंडित पाती राम सिमअल्ती के मुताबिक नवरात्र में माता रानी की पूजा-अर्चना करने तड़के चार बजे से ही लम्बी लाइन लग जाती है। मां के दरबार में जो भी सच्चे मन से मन्नत मांगता है वो जरूर पूरी होती है। इसलिए महानगर के साथ-साथ आसपास के इलाके के लोग भी यहां दर्शन को पहुंचते हैं। <strong>किवदंती</strong> पुराने लोगों के मुताबिक मंदिर की जगह पर डेढ़ सौ साल पहले जंगल और झाड़ियां थीं। यहां जल्द ही कोई आना नहीं चाहता था। सबसे पहले यहां पीपल के वृक्ष के नीचे पिंडी रूप में मौजूद मां भगवती की पूजा-अर्चना शुरू हुई। लोग यहां दीपक जलाने लगे। धीरे-धीरे लोगों की आस्था बढ़ती गई। कई लोगों की दीपक प्रज्जवलित करने से उनकी मनोकामनाएं पूरी हुई तो श्रद्धालुओं ने यहां मंदिर बनवा दिया। आज यहां एक भव्य मंदिर है और रोजाना हजारों श्रद्धालु यहां मत्‍था टेकने पहुंचते हैं। फिर बाजार के रास्ते में होने की वजह से भी बड़ी संख्या में लोग मां दुर्गा के दर्शन को पहुंचते हैं। <strong>कैसे पहुंचे</strong> चूंकि ये कोर्ट रोड और गुरहट्टी चौराहे के बीच में है तो आप अपने निजी वाहन से भी यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी करीब पांच किलोमीटर है और रोडवेज बस अड्डे से करीब 8 किलोमीटर है। वहीं जो लोग बाहर से आते हैं उनके लिए रेलवे स्टेशन उतर कर ताडिखाना होते हुए मंदिर पहुंचना उत्तम है। इसके लिए आपको रिक्शा, ई-रिक्शा व सीएनजी टेम्पो भी उपलब्ध हैं। <strong>विशेषता</strong> नवरात्र में यहां की भव्यता देखते ही बनती है। सुबह शाम होने वाली आरती में सैकड़ों लोग पहुंचते हैं, जिस कारण इसकी महिमा देखते ही बनती है। अगर आप मुरादाबाद आते हैं तो दुर्गा मंदिर के दर्शन आपको सुखद एहसास देंगे।
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