चारा घोटाला बिहार ही नहीं बल्कि देश का बहुचर्चित घोटाला है। पहली बार ये 1996 में सामने आया था। 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये का फर्जीवाड़ा कर अवैध रूप से पशु चारे के नाम पर निकासी हुई थी। इस मामले में लालू यादव समेत कुल 38 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इन आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्तूबर, 1997 को मुकदमा रजिस्टर्ड किया था। चौंकाने वाली बात यह कि मामले से कुल आरोपियों में से अब तक 11 की मौत हो चुकी है। जबकि 3 लोगों सीबीआई के गवाह बन चुके हैं। इसके अलावा मामले से जुड़े दो लोग अपना जुर्म स्वीकार चुके हैं।